अब कोई राष्ट्रीय राजमार्ग में यात्रा के दौरान दुर्घटना में घायल हुआ तो उसे सरकार कैशलैस इलाज मुहैया कराएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाणे ने शुक्रवार को यहां एक पत्रकार सम्मेलन में बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन की दिशा में बीमा आदि कंपनियों के लिए टैंडर जारी हो गए हैं। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में घायल होने पर किसी भी आपातकालीन नंबर पर सूचना प्राप्त होते ही निकटतम उपलब्ध एंबुलैंस कम से कम समय में पीड़ित या पीड़ितों को निकटस्थ अस्पताल में पहुंचाएगी और वहां डाक्टर बिना कुछ पूछे तत्काल उपचार आरंभ कर देंगे और जब तक पीड़ित की स्थिति स्थिर एवं खतरे से बाहर हो जाए तब तक उपचार किया जाएगा। उसके पश्चात अन्य अस्पताल में पीड़ित की अपनी बीमा पॉलिसी के हिसाब से उपचार दिया जाएगा। अरमाणे के अनुसार आपात स्थिति में पीड़ित के उपचार के लिए वाहन की थर्ड पार्टी बीमा पॉलिसी में प्रावधान किया जाएगा। यदि पीड़ित के पास किसी प्रकार का बीमा कवर नहीं होगा, तो उसे प्रधानमंत्री जनारोग्य योजना आयुष्मान भारत के तहत उपचार दिया जाएगा। सचिव ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर एंबुलैंस की सुविधा मुहैया कराने के लिए कदम उठाए हैं और राज्य सरकारों से भी कहा है कि वे उनके लोक निर्माण विभागों द्वारा निर्मित सड़कों पर भी एंबुलैंस की सुविधा मुहैया कराएं और पीड़ितों के कैशलेस उपचार की व्यवस्था करें ताकि प्रत्येक सड़क पर यह सुविधा उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद है कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का आंकड़ा न्यूनतम हो।
दुर्घटना में घायल होने वालों का होगा क