चंडीगढ: शिरोमणी अकाली दल ने आज केंद्र सरकार से कहा है कि श्री ननकाना साहिब साहिब में साका ननकाना साहिब की 10वीं वर्षगांठ पर वह पाकिस्तान जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को माथा टेकने की अनुमति से इंकार करने की बजाए उन्हे कथित खतरे के मुद्दे को पाकिस्तान सरकार के पास उठाना चाहिए। पूर्व मंत्री डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने एक दिन पहले सिख जत्थे को अनुमति देने से इंकार करने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि इस कार्रवाई ने सिख संगत को गलत संकेत दिया है तथा सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
केंद्रीय गृह- मंत्रालय द्वारा 600 श्रद्धालुओं के जत्थे को वीजा जारी किए जाने की अनुमति देने से इंकार करने के कारण हैरान करने वाला बताते हुए डाॅ. चीमा ने कहा कि हम यह समझने में नाकाम रहे हैं कि कुछ ही दिनों में ऐसा क्या हो गया है। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के संबंध में कोई खतरा है तो उसके सामने घुटने टेकने के बजाय पाकिस्तान सरकार से इस बात पर चर्चा करनी चाहिए।
डाॅ. चीमा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण श्रद्धालुओं की सेहत को खतरे का कारण बताने की कोई बुनियादी वजह नही है क्योंकि जत्थे को पिछले साल नवंबर में माथा टेकने की अनुमति दी गई थी। जब महामारी की स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर थी। उन्होने कहा कि यात्रा प्रतिबंधों को कड़ा करने की बजाय अब हर तरफ इसे घटाया जा रहा है।
अकाली नेता ने कहा कि पहले करतारपुर काॅरिडोर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। ‘ अब श्री ननकाना साहिब के दर्शन भी बंद कर दिए गए हैं। इससे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। पाकिस्तान में धार्मिक स्थलों की सुचारू तथा परेशानी मुक्त यात्रा सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।