नई दिल्लीः दुनियाभर में प्रसिद्ध मसाला कंपनी एमडीएच मसाला के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार को निधन हो गया। उन्होंने 98 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। महाशय धर्मपाल गुलाटी 'एमडीएच अंकल', 'दादाजी', 'मसाला किंग' और 'मसालों के राजा' के नाम से मशहूर थे। वह मसाला ब्रांड 'एमडीएच' (महाशिया दी हट्टी) के मालिक और सीईओ थे। धर्मपाल गुलाटी एफएमसीजी सेक्टर के सबसे ज्यादा कमाई वाले सीईओ थे। उन्हें 25 लाख रुपए सैलरी मिलती थी। वह अपनी सैलरी की 90 फीसदी हिस्सा दान में दिया करते थे । खबरों के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 5400 करोड़ रुपए के करीब है। 2019 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
पाकिस्तान में हुआ जन्म
धर्मपाल गुलाटी का जन्म पाकिस्तान के सियालकोट में 27 मार्च, 1923 को हुआ था। पांच साल की उम्र में उनका स्कूल में दाखिला करवाया गया। स्कूल में मन न लगने के कारण जैसे-तैसे पांचवीं तक पढ़ाई पूरी की। फिर उनके पिताजी ने अपनी मसाले की दुकान में काम के लिए लगा दिया। उनकी दुकान खूब चलती थी।

तांगा चलाकर किया गुजारा
1947 में विभाजन के बाद, परिवार भारत आ गया। भारत आने के वक्त उनके पास केवल 1500 रुपए थे। शुरू में गुलाटी परिवार अमृतसर में शरणार्थी के रूप में रहा। लेकिन बाद में धर्मपाल गुलाटी दिल्ली शिफ्ट हो गए। वहां उन्होंने अपने पिता द्वारा दिए गए पैसे से तांगा खरीदा। तांगे से कमाई कम होने के कारण उन्होंने एक छोटी सी दुकान खोलने का फैसला किया और करोल बाग में मसाले बेचने के अपने परिवार के व्यवसाय को फिर से शुरू किया। धीरे-धीरे उनको अच्छी कमाई होने लगी।
विदेशों में भी मसाले की धूम
1960 में कीर्ति नगर में फैक्ट्री लगाई और लंबे संघर्ष के बाद दिल्ली में एक मुकाम हासिल कर लिया। पूरे देश में एमडीएच मसालों की धूम मचने लगी और घर-घर में उनके मसालों का इस्तेमाल होने लगा। दिल्ली के अलावा गुरुग्राम व नागौर में तीन-तीन फैक्ट्रियां हैं। पूरे देश में एमडीएच की एजेंसियां हैं। यूएस, कनाडा, पूरे यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्विटजरलैंड, आदि में एमडीएच का माल सप्लाई होता है।

TV पर खुद किया विज्ञापनों का प्रचार
कारोबार स्थापित हुआ तो समाज उत्थान के लिए प्रयास शुरू हुए। जनकपुरी में माताजी के नाम पर चन्नन देवी अस्पताल बनाया। दिल्ली और देश में अनेक स्कूलों, आश्रमों, गुरुकुलों का निर्माण करवाया। कई गौशालाओं का संचालन किया। टीवी पर खुद विज्ञापनों का प्रचार किया। 'असली मसाले सच-सच' और 'यही है असली इंडिया' डायलॉग से उन्होंने मसालों के प्रचार को अलग अंदाज में पेश किया।