चंड़ीगढ़ः देश के किसान जहां लगातार नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं वहीं देश के प्रसिद्ध कृषि अर्थशास्त्रियों में एक सरदारा सिंह जौहल ने नए खेती कानूनों को फायदेमंद बताया है। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंट्रव्यू में उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट खेती के बारे में बोलते हुए कहा है कि ठेके की खेती शुरु में पंजाब में 2002-03 में असफल रही क्योंकि खेतीबाड़ी के उतपादन के दौरान हुए नुक्सान के बावजूद किसानी बीमा नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया नया कानून पंजाब सरकार के 2013 अधिनियम की एक प्रति है।
जोहल ने कहा कि कृषि कानूनों में उत्कृष्ट प्रावधान हैं जहां कुछ गिरवी नहीं रखना पड़ता। सभी जानकारी और मशीनरी ठेकेदार द्वारा प्रदान की जानी है। इसके अलावा, प्राकृतिक खतरों जैसे खतरों को ठेकेदार के साथ साझा किया जाएगा और किसान और खेत सुरक्षित हैं। जोहल ने कहा पंजाब अधिनियम विफल हो गया क्योंकि किसी ने इसे लागू नहीं किया। उन्होंने कहा, "मैं और मेरा परिवार आठ एकड़ जमीन वाले किसान हैं।" मेके बच्चे भी किसान हैं। मेरी स्थिति महाभारत के अर्जुन जैसी है। यह किसान मेरे बच्चे हैं, मैं उनको तबाही की राह पर चलने से रोकना चाहता हूं। मैं पंजाब मनें खेती संकट के समाधान के लिए दो रिपोर्टें दी हैं। पर किसी ने भी इसमें से एक पन्ना नहीं निकाला। अब तक मैं कई बार मंत्री मंडल के सामने आधे घंटे की पेशकश में प्रशनों के जवाब देने की आज्ञा मांगी पर ऐसा नहीं हुआ।