चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हाल ही में विश्व आर्थिक मंच दावोस एजेंडा वार्तालाप में विशेष भाषण देकर बहुपक्षवाद की भावना से वैश्विक शासन सुधारने पर चीन का मत रखा ,जिसे व्यापक अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया मिली ।शी द्वारा प्रस्तुत चीनी योजना ने वैश्विक शासन की सही अवधारणा के लिए दिशा दिखायी है ।
वर्तमान विश्व में गड़बड़ी का मूल कारण यही है कि कुछ पश्चिमी देश अपने स्वार्थ को विश्व के सार्वजनिक हितों के ऊपर रखते हैं और एकतरफावाद तथा संरक्षणवाद लागू करते हैं ।इसको लेकर शी चिनफिंग ने चेतावनी दी कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सर्वमान्य अंतरराष्ट्रीय नियमों के बिना विश्व में जंगल राज प्रचलित होगा ,जहां जिसकी लाठी उसकी भैंस होगी ।यह मानव के लिए आपदा होगा।
दक्षिण और उत्तर के बीच विकास की खाई के विस्तार के प्रति शी चिनफिंग ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को विकासशील देशों के विकास के लिए जरूरी समर्थन प्रदान करना चाहिए ताकि विभिन्न देशों को विकास का मौका और फल मिले ।
शी के भाषण से जाहिर है कि चीन समान विकास का अनुसरण करता है ।चीन न सिर्फ अपना जीवन अच्छा बनाना चाहता है ,बल्कि दूसरों के साथ विकास की उपलब्धियां साझा करना चाहता है ।
वर्तमान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में कई अंतर्विरोध मौजूद हैं ।वैश्विक प्रशासन को संपूर्ण बनाना रातों रात की बात नहीं है ।अगर विभिन्न पक्ष बहुपक्षवाद पर कायम रहकर सलाह मशविरे से समानताएं बनाएं ,तो वैश्विक प्रशासन व्यवस्था अधिक न्यायपूर्ण और युक्तियुक्त होगी ।इस प्रक्रिया में चीन सक्रियता से भाग लेगा और मानव के बेहतर भविष्य के लिए अपना योगदान देगा ।(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)