कोरोना के कारण बस में सफर कर रहीं सवारियों पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। प्रबंधन की लापरवाही की वजह से राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकतर जिलों में लोकल और लंबे रूट पर दौड़ रहीं बसों की सैनिटाइजेशन पिछले 4 महीनों से बंद है और बसों में 50 फीसदी सवारियां बिठाने के निर्देश भी नहीं माने जा रहे। बीते दिनों शिमला शहर में कोरोना पॉजिटिव हुए लोग बसों में सफर के दौरान संक्रमित हुए थे। दरअसल लॉकडाउन के बाद एक जून से बसों का संचालन शुरू होने पर एचआरटीसी ने बसों को रूट पर भेजने से पहले और रूट से लौटने पर दो बार वर्कशॉप में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की थी। लेकिन अब जब तेजी से संक्रमण फैल रहा है तो सैनिटाइजेशन का काम बंद है। परिवहन विभाग ने टूटीकंडी आईएसबीटी, ओल्ड बस स्टैंड और लक्कड़ बाजार बस स्टैंड में सुलभ इंटरनेशनल के सहयोग से एचआरटीसी और प्राइवेट बसों की सैनिटाइजेशन के लिए 5 कर्मियों की तैनाती की थी। इसका खर्चा परिवहन विभाग कर रहा था।
sanitization, long routes stopped