चंडीगढ़: कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों द्वारा किए जा रहे आंदोलन पर हाईकोर्ट ने किसान संगठनों को नसीहत देते हुए कहा कि विरोध-प्रदर्शन आपका अधिकार है, लेकिन आंदोलन के कारण रास्ते नहीं रोके जाने चाहिए। हाईकोर्ट ने किसान संगठनों को साफ चेतावनी भी दे दी है कि फिलहाल तो वह उनके खिलाफ कोई आदेश नहीं दे रहे हैं लेकिन अगर उनकी ओर से रेल लाइन और रास्ते बंद किए गए तो वह राज्य सरकार को इस पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश जारी कर सकते हैं।
बुधवार को सुनवाई शुरू होते ही केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि पंजाब में जंडियाला गुरु को छोड़ कर अन्य सभी रेल ट्रैक्स खाली हैं। ऐसे में जंडियाला गुरु से जाने वाली रेलों को डाइवर्ट करना पड़ रहा है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि राज्य की सभी रेल लाइनें खाली करवा ली गई हैं। इस पर केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन ने हाईकोर्ट को बताया कि राज्य में 23 नवंबर से रेल सेवा बहाल कर दी गई है लेकिन अभी भी जंडियाला गुरु में किसान संगठन का धरना जारी है। वहीं हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि किसान संगठनों से केंद्र सरकार बातचीत कर रही है। अब अगली बैठक 3 दिसंबर को की जाएगी, केंद्र सरकार इस विवाद का हल निकलने में लगी है।