नई दिल्लीः पेट्रोल-डीजल की कीमतें आए दिन नया रिकॉर्ड बना रही हैं। इसी के चलते अब ट्रांसपोर्टरों ने इंफ्रा सेक्टर, माइनिंग और कच्चे माल समेत कुछ सेक्टरों में मालभाड़े में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी है। ट्रांसपोर्टरों के इस कदम से दैनिक इस्तेमाल की चीजें और खाद्य वस्तुएं महंगी हो सकती हैं। एक तो खाद्य वस्तुएं महंगी होंगी, इससे आम आदमी के किचन का बजट प्रभावित होगा। दूसरे खरीदारी कम होने से जीडीपी ग्रोथ पर इसका सीधा असर होगा।
सरकार कम करे डीजल के दाम
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के सेक्रेटरी जनरल नवीन गुप्ता ने कहा कि हमने सरकार से कहा है कि डीजल पर एक्साइज और वैट कम किया जाए। डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। डीजल की मूल्य समीक्षा रोज नहीं, हर पखवाड़े की जाए। अगर इस बारे में सरकार ने जल्दी कुछ नीतिगत कदम नहीं उठाए तो हम कड़े कदम उठाने पर मजूबर होंगे।
डेढ़ महीने में 30 फीसदी बढ़े दाम
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि पिछले डेढ़ महीने में डीजल के दाम 30 फीसदी बढ़े हैं। अभी ट्रांसपोर्टर्स ने कुछ सेक्टरों में माल भाड़ा 20 फीसदी बढ़ाया है। इसका असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा। सरकार ने अगर डीजल में कम से कम 20 रुपए प्रति लीटर तक कीमतें नहीं घटाई तो आगे स्थिति और बिगड़ेगी। ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि लागत बढ़ने के चलते भाड़ा बढ़ाना उनकी मजबूरी है।
पेट्रोल-डीजल की कीमत
दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल भाव बुधवार को क्रमश: 90.93 रुपए, 91.12 रुपए, 97.34 रुपए और 92.90 रुपए प्रति लीटर बना रहा। वहीं, डीजल का भाव दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 81.32 रुपए, 84.20 रुपए, 88.44 रुपए और 86.31 रुपए प्रति लीटर है।