चंडीगढ़: पंजाब में नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू की गई मुहिम ‘युद्ध नाशियां विरुद्ध’ के 18वें दिन मंगलवार को पंजाब पुलिस ने 95 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से 11 किलो हेरोइन, 7.5 किलो अफीम और 31000 रुपए की ड्रग मनी बरामद की। इसके साथ ही, 18 दिनों में गिरफ्तार किए गए कुल नशा तस्करों की संख्या 2231 तक पहुंच गई है।
यह अभियान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देश पर राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ चलाया गया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पुलिस आयुक्तों, उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए कहा है। पंजाब सरकार ने नशों के खिलाफ लड़ाई की निगरानी के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कैबिनेट उप समिति का गठन भी किया है। विशेष डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने कहा कि पंजाब पुलिस की नशे के खिलाफ गहन लड़ाई में तेजी आ रही है और जनता का भी इसमें अच्छा सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि “युद्ध नशिया विरुद्ध” अभियान के तहत मलेरकोटला पुलिस ने सिविल प्रशासन के साथ मिलकर गांव फिरोजपुर कोथला, पुलिस थाना संदौड़ में संपर्क बैठक का आयोजन किया, जहां 40 पंचायतों ने संयुक्त रूप से नशे की समस्या से निपटने तथा पुलिस-पब्लिक भागीदारी को मजबूत बनाने का प्रस्ताव पारित किया।
विशेष डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 97 राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में 1600 से अधिक पुलिसकर्मियों वाली 250 से अधिक पुलिस टीमों ने राज्य भर में 539 स्थानों पर छापेमारी की है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य भर में 61 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने दिन भर चले अभियान के दौरान 599 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच भी की है।
विशेष डीजीपी ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य से नशीले पदार्थों के उन्मूलन के लिए तीन-आयामी रणनीति – प्रवर्तन, नशामुक्ति और रोकथाम (ईडीपी) को लागू किया है, पंजाब पुलिस ने ‘नशामुक्ति’ के हिस्से के रूप में छह व्यक्तियों को नशामुक्ति और पुनर्वास उपचार के लिए राजी किया है, जबकि रोकथाम के हिस्से के रूप में राज्य भर में 137 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं।