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चंडीगढ़ में फिर बना भाजपा का मेयर, 3 शीर्ष पदों पर कब्जा रखा बरकरार

सवेरा न्यूज; चंडीगढ़: भाजपा ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत हासिल की और 3 शीर्ष पदों पर कब्जा बरकरार रखा। इसे साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है। मेयर पद के लिए परिणाम घोषित होते ही विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नैशनल डिवैल्पमैंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के 2 दलों के पार्षदों ने चंडीगढ़ नगर निगम सदन में हंगामा किया और अगले चरण-वरिष्ठ सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के चुनाव का बहिष्कार किया।

भाजपा के उम्मीदवार मनोज सोनकर ने कांग्रेस समर्थित आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को हराकर जीत हासिल की। सोनकर को 16 मत मिले जबकि कुमार के पक्ष में 12 मत आए। 8 मतों को अवैध घोषित कर दिया गया। भाजपा के उम्मीदवार कुलजीत सिंह संधू और राजेंद्र शर्मा क्रमश: सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए निर्वाचित घोषित किए गए। विपक्षी पार्षदों ने आरोप लगाया कि चुनाव में मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई। 18 जनवरी को स्थगन के बाद मंगलवार के चुनाव हाईकोर्ट के निर्देश पर हुए हैं।

आप और कांग्रेस ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर आरोप लगाया कि उन्होंने गिनती के दौरान मतपत्रों पर कुछ निशान बना दिए, जिससे वे अवैध हो गए। उन्होंने तर्क दिया कि ‘अमान्य’ मतपत्रों ने संतुलन को भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में झुका दिया।
नवनिर्वाचित मेयर को अपने बाद 2 सबसे वरिष्ठ पदों पर चुनाव कराना था।

विपक्षी दलों द्वारा मेयर चुनाव के इस चरण का बहिष्कार करने के कारण ये पद भी भाजपा के पास चले गए। चंडीगढ़ नगर निगम में 35 सदस्यीय सदन में भाजपा के 14 पार्षद हैं। पार्टी की चंडीगढ़ से सांसद किरण खेर के पास भी पदेन सदस्य के रूप में मतदान का अधिकार है। आप के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षद हैं। शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद हरदीप सिंह है। शिअद पार्षद हरदीप ने भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया।

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