चंडीगढ़: ‘पारस हेल्थ ने मोटापे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए वेट मैनेजमेंट क्लीनिक को लॉन्च करने की घोषणा की है। पारस हेल्थ की यह पहल एक महत्वपूर्ण समय पर आई है, क्योंकि वर्तमान में भारत मोटापे की बढ़ती समस्या से जूझ रहा है, और हरियाणा जैसे राज्यों में पिछले कुछ सालों में मोटापे में बहुत तेज गति से वृद्धि देखी गयी है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 के हालिया सर्वे के अनुसार, भारत में 22 प्रतिशत से ज्यादा पुरुष और 24 प्रतिशत महिलाएं अब ज्यादा वजन वाली श्रेणी में आती है या मोटापे से ग्रस्त हैं। शहरी क्षेत्रों में यह संख्या और भी ज्यादा है। खास करके हरियाणा में एनएफएचएस-5 डेटा एक चिंताजनक ट्रेंड को दर्शाता है। इस सर्वे में पता चला है कि हरियाणा में देश भर में मोटापे की दर में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है।
इस बारे में पारस हेल्थ पंचकूला के जनरल और मिनिमल एक्सेस सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ अमित कुमार ने कहा कि क्लीनिक की मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम में अनुभवी सर्जन, डाइट विशेषज्ञ और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। इस क्लीनिक में सभी विशेषज्ञ प्रत्येक मरीज के लिए उनकी विशिष्ट जरूरतों और लक्ष्यों को पूरा करते हुए एक कस्टमाइज्ड प्लान (अनुकूलित योजना) बनाने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करेंगे। हमारा ध्यान स्वस्थ लाइफस्टाइल में बदलाव और स्थायी वजन मैनेजमेंट को बढ़ावा देने पर है।
गैस्ट्रोइंटेस्टिनल सर्जरी-कंसल्टेंट डॉ. करन मिड्ढा ने कहा कि मोटापे का बढ़ता ट्रेंड अब एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गया है। मोटापे की वजह से हृदय की बीमारियां, डायबिटीज और कुछ कैंसर सहित अलग-अलग प्रकार की क्रोनिक बीमारियों से ग्रसित होने का ज्यादा खतरा होता है। वजन को अच्छे तरीके से मैनेज करके व्यक्ति अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और जिन्दगी में खुशहाली को बढ़ा सकते हैं।
पारस हेल्थ पंचकुला वेट मैनेजमेंट क्लीनिक पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान्स (व्यक्तिगत उपचार योजनाओं) के साथ डायग्नोस्टिक को अमल में लांच करके वजन घटाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। क्लीनिक मरीजों को एक पैकेज प्रदान करता है। इस पैकेज में स्वास्थ्य से सम्बंधित जांच के लिए 59 ब्लड टेस्ट, शरीर की संरचना को मापने के लिए शरीर में फैट का विश्लेषण, हृदय के स्वास्थ्य की जांच के लिए 2डी इको और ईसीजी, पर्सनलाइज्ड डाइट गाइडेंस के लिए डाइटीशियन कंसल्टेंट और फेफड़ों के कार्य की जांच के लिए पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट किए जाते है।