Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

शिरोमणी अकाली दल 20 जनवरी से संगठनात्मक चुनावों के लिए शुरू करेगा मैंबरशीप अभियान

चंडीगढ़: मुक्तसर में माघी मेले में राजनीतिक कांफ्रेंस में भारी सफलता मिलने के बाद शिरोमणी अकाली दल ने अपने संगठनात्मक चुनावों के लिए लक्षित 25 लाख मजबूत सदस्यता अभियान चलाने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है।

यहां इस संबंधी जानकारी देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा ,‘‘ 20 जनवरी को सदस्यता अभियान शुरू करने के लिए सभी योजनाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसमें पार्टी कैडर में वितरण के लिए प्रतियां छापना और संवैधानिक मानदंडों के अनुसार अभियान के लिए नियम और कानून तैयार करना शामिल है।’’

डाॅ. चीमा ने कहा, पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि वास्तविक सदस्यता अभियान चलाया जाए और अभियान के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी पूर्व मंत्री गुलजार सिंह रणीके की देखरेख में पार्टी आब्जर्वरों द्वारा इसकी पुष्टि की जाएगी।’’ उन्होने कहा कि नामित आब्जर्वरों के लिए ट्रेनिंग सत्र का आयोजित करने का फैसला लिया गया है ताकि पूरी प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से सुचारू तरीके से संचालित की जा सके।

इस बीच पार्टी ने लोगों के बीच जाकर मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लोगों के लिए अपनी जिम्मेदारी छोड़ने और दिल्ली का रूख करने का पर्दाफाश करने का निर्णय लिया है। यह बेहद निंदनीय है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरा मंत्रिमंडल दिल्ली में डेरा डाले हुए बैठा है। उन्होने कहा,‘‘ न केवल कैबिनेट बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों को भी पार्टी के चुनावी अभियान में मदद करने के लिए दिल्ली बुलाया गया है। इस अभियान पर राज्य के वित्तीय संसाधनों को भी खर्च किया जा रहा है।’’

डाॅ. चीमा ने कहा कि जब पूरा मंत्रिमंडल दिल्ली में है और 5 फरवरी को चुनाव होने तक वहीं रहने वाले हैं, उस समय पंजाब के कई इलाकों खासतौर पर सीमावर्ती इलाकों पर ग्रेनेड के हमले हो रहे हें। उन्होने कहा,‘‘ मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा किसानों का मुदा प्रधानमंत्री के समक्ष नही उठाए जाने में विफल रहने के कारण अनशन कर रहे किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान खतरे में पड़ गई है। इतना सब होने पर भी आप सरकार राज्य के अधिकारों की रक्षा करने में असहाय है, विशेष रूप से जिस तरह से राजधानी चंडीगढ़ पर राज्य के अधिकार को कमजोर किया जा रहा है।’’ अकाली नेता ने इन सभी मुददों पर चर्चा के लिए विधानसभा में एक विशेष सत्र आयोजित करने के साथ-साथ कृषि विपणन पर मसौदा रूपरेखा पर चर्चा की मांग की है,जिसके माध्यम से केंद्र सरकार पिछले दरवाजे से तीनों कृषि कानूनों को फिर से लागू करना चाहती है।

Exit mobile version