एड्स पीड़ितों को प्यार और समर्थन की जरूरत

एड्स ऐसी बीमारी है, जो लोगों में खौफ पैदा करती है। रोगी इसके सामने बेबस नजर आते हैं। क्योंकि एड्स से होने वाली मौतों की संख्या काफी होती है। लेकिन अभी तक इसके इलाज का कोई तरीका नहीं मिला है। मानव जाति के लिए इसका खतरा कभी थमा नहीं है, लेकिन इसके बारे में लोगों.

एड्स ऐसी बीमारी है, जो लोगों में खौफ पैदा करती है। रोगी इसके सामने बेबस नजर आते हैं। क्योंकि एड्स से होने वाली मौतों की संख्या काफी होती है। लेकिन अभी तक इसके इलाज का कोई तरीका नहीं मिला है। मानव जाति के लिए इसका खतरा कभी थमा नहीं है, लेकिन इसके बारे में लोगों में कई गलतफहमियां हैं।

एड्स के बारे में लोगों की समझ बढ़ाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1988 में प्रत्येक वर्ष के 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में नामित किया, दुनिया भर के देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से एड्स की रोकथाम के ज्ञान को प्रचारित करने के लिए इस दिन संबंधित गतिविधियां आयोजित करने का आह्वान किया। विश्व एड्स दिवस का प्रतीक लाल रिबन है, जो एचआईवी से संक्रमित लोगों और एड्स से पीड़ित लोगों के लिए जनता के प्यार और समर्थन का प्रतीक है। 1 दिसंबर, 2022 को 35वां “विश्व एड्स दिवस” ​​है। इस वर्ष का विषय “समानता” हैएड्स संक्रमित होने वालों को जीवन निराशाजनक लगता है और कोई रास्ता नजर नहीं आता है। वास्तव में चिकित्सा स्तर के विकास के साथ-साथ, यदि रोगियों को समय पर उपचार मिल जाय तो उनके शरीर के इम्यून फंक्शन के सामान्य स्तर पर बहाल होने की बड़ी संभावना होती है। अगर इम्यून फंक्शन सामान्य स्तर पर कायम रहे, तो संक्रमित लोगों का अपेक्षित जीवन सामान्य लोगों के जैसा हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में एड्स के मरीजों के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने की अवधि 26 साल हो गई है। रोगी एचआईवी से संक्रमित होने के बाद तुरंत नहीं मरता। हालांकि अभी भी कोई पक्का इलाज नहीं है, वायरस को दबाने और इसकी प्रतिकृति प्रक्रिया को धीमा करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। 

एड्स रोगी बीमारी से पीड़ित होने की तुलना में समाज द्वारा ठुकराए जाने से ज्यादा डरते हैं, िसके कारण वे जांच और औपचारिक उपचार नहीं लेना चाहते हैं। रोगी अकेले रहते हुए अपनी बीमारी को छुपाते हैं। इस स्थिति को कैसे बदला जाए? अलग-अलग समूहों के सामने, हमारे पास अलग-अलग “स्वीकृति” होनी चाहिए।

रोगियों के लिए: तथ्यों का सामना करें और इलाज प्राप्त करें

संक्रमण एक निर्विवाद तथ्य है, आत्म-दोष और उदासी व्यर्थ है, इसे दूसरे जीवन के रूप में मानना ​​और सक्रिय रूप से एक नया जीवन शुरू करना बेहतर है। 30 से अधिक वर्षों के विकास के बाद, मनुष्य को एड्स की गहरी समझ है। जब आप एंटीवायरल दवा लेते रहेंगे, तो एड्स को दीर्घकालिक और नियंत्रित बीमारी में बदला जा सकता है।

आस-पास के लोग: भेदभाव न करें, समर्थन और प्रोत्साहन दें

कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे कैसे संक्रमित हैं, हम दूर नहीं रह सकते हैं और भेदभाव नहीं करते हैं। यदि आपका कोई परिचित व्यक्ति एड्स से संक्रमित है, तो रिश्तेदारों और दोस्तों को जल्द से जल्द उसे समर्थन और प्रोत्साहन देना चाहिए, ताकि नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा पाने में मदद मिल सके, बीमारी का सही ढंग से सामना किया जा सके और सक्रिय रूप से इलाज को स्वीकार कर सके।

समाज: अधिकारों और हितों की सुरक्षा करें

एड्स के मरीज इस बीमारी के शिकार होते हैं और समाज को उन्हें शैतान बताने के बजाय उन्हें सहन करना चाहिए। एचआईवी से संक्रमित व्यक्तियों, एड्स रोगियों और उनके परिवारों के गोपनीयता, जानने का अधिकार, विवाह, रोजगार, चिकित्सा उपचार, स्कूली शिक्षा और अन्य वैध अधिकार और हित कानून द्वारा संरक्षित हैं, और कोई भी इकाई या व्यक्ति इसका उल्लंघन और उन्हें अवैध रूप से प्रतिबंधित नहीं कर सकता। सभी लोगों से एक साथ एड्स को रोकने की अपील करें। कम प्रतिरोध, कम भेदभाव, अधिक प्यार और अधिक सहनशीलता, तो समाज अधिक सामंजस्यपूर्ण होगा। इससे उनके पास बीमारी से उबरने और खुद को मजबूती से आगे ले जाने का साहस होगा। 

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

 

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