आज से दिसंबर माह प्रारंभ: जानिए इस महीने में आने वाले व्रत और कब है मोक्षदा एकादशी?

आज साल के आखरी महीने यानि दिसंबर का पहला दिन है। दिसंबर के महीने में बहुत सारे व्रत और उपवास भी आ रहे हैं। यह साल का आखरी महीना होता है। इस माह में मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती, सोम प्रदोष व्रत, मार्गशीर्ष पूर्णिमा, अन्नपूर्णा जयंती, दत्तात्रेय जयंती, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, धनु संक्रांति, सफला एकादशी, मासिक.

आज साल के आखरी महीने यानि दिसंबर का पहला दिन है। दिसंबर के महीने में बहुत सारे व्रत और उपवास भी आ रहे हैं। यह साल का आखरी महीना होता है। इस माह में मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती, सोम प्रदोष व्रत, मार्गशीर्ष पूर्णिमा, अन्नपूर्णा जयंती, दत्तात्रेय जयंती, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, धनु संक्रांति, सफला एकादशी, मासिक शिवरात्रि, पौष अमावस्या, विनायक चतुर्थी जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आने वाले हैं। बता दे कि इस महीने में खरमास भी प्रारंभ होने जा रहा है। इसके बाद मकर संक्रांति 2023 से मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे। आइए जानते है दिसंबर महीने में आने वाले व्रत और त्योहारों के बारे में:

दिसंबर के व्रत एवं त्योहार
03 दिसंबर, दिन: शनिवार: मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती
05 दिसंबर, दिन: सोमवार: सोम प्रदोष व्रत
07 दिसंबर, दिन: मंगलवार: दत्तात्रेय जयंती
08 दिसंबर, दिन: गुरुवार: मार्गशीर्ष पूर्णिमा, अन्नपूर्णा जयंती
09 दिसंबर, दिन: शुक्रवार: पौष माह प्रारंभ
11 दिसंबर, दिन: रविवार: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
16 दिसंबर, दिन: शुक्रवार: धनु संक्रांति, खरमास प्रारंभ, सूर्य का राशि परिवर्तन
19 दिसंबर, दिन: सोमवार: सफला एकादशी
21 दिसंबर, दिन: बुधवार: प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
23 दिसंबर, दिन: शुक्रवार: पौष अमावस्या
25 दिसंबर, दिन: रविवार: क्रिसमस, बड़ा दिन

मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती साथ
हर साल मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती मनाई जाती है. मोक्षदा एकादशी मोक्ष प्रदान करने वाली है. इस व्रत को सभी को करना चाहिए. वहीं महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने मोक्षदा एकादशी को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए इस तिथि को गीता जयंती मनाते हैं. इस साल मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती 03 दिसंबर को है.

खरमास प्रारंभ 2022
दिसंबर माह में खरमास का प्रारंभ 16 तारीख को शुक्रवार से हो रहा है. जिस तरह से व्रत और त्योहार का महत्व है, वैसे ही खरमास का महत्व है क्योंकि इस समय में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करते हैं.

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