दुनिया जितनी अधिक अशांत है, चीन-यूरोप सहयोग उतना ही महत्वपूर्ण है

अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति जितनी अधिक अशांत है, वैश्विक चुनौती उतनी गंभीर है और चीन-यूरोप संबंध का और महत्वपूर्ण अर्थ है। यह बात 1 दिसम्बर को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पेइचिंग में यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के साथ वार्ता के दौरान कही। चीन-यूरोप संबंधों के विकास के लिए शी चिनफिंग ने चार सुझाव पेश.

अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति जितनी अधिक अशांत है, वैश्विक चुनौती उतनी गंभीर है और चीन-यूरोप संबंध का और महत्वपूर्ण अर्थ है। यह बात 1 दिसम्बर को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पेइचिंग में यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के साथ वार्ता के दौरान कही। चीन-यूरोप संबंधों के विकास के लिए शी चिनफिंग ने चार सुझाव पेश किये, जबकि मिशेल ने कहा कि यूरोपीय आयोग चीन का विश्वसनीय सहयोग साझेदार बनना चाहता है। वार्ता में दोनों द्वारा द्विपक्षीय संबंधों को आगे विकसित करने की सक्रिय इच्छा प्रतिबिंबित हुई है।

मिशेल की यह चीन यात्रा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद चीन के सर्वोच्च नेता और यूरोपीय आयोग के नेता के बीच पहली औपचारिक वार्ता है। साथ ही यह मिशेल के यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद पहली चीन यात्रा भी है। चीन और यूरोप विश्व की शांति की रक्षा करने की दो अहम शक्तियां हैं। दोनों समान विकास को आगे बढ़ाने के बाजार हैं और मानव जाति की प्रगति को आगे विकसित करने की दो सभ्यताएं हैं। वार्ता में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की घरेलू और विदेशी नीति पर स्पष्ट व्याख्यान किया और इस पर जोर दिया कि चीन खुद की तंत्र, प्रशासन, नीति और विकास की स्थिरता से निरंतर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में मूल्यवान निश्चितता और स्थिरता डालेगा। बीते कुछ समय में यूरोपीय आयोग के अंदर चीन के साथ व्यावहार करने पर कुछ मतभेद आये हैं। कुछ राजनीतिज्ञों ने चीन के खिलाफ प्रतिस्पर्धा और टकराव पैदा किया और चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप किया, जिसने चीन-यूरोप संबंध को क्षति पहुंचाने के साथ यूरोप के खुद के हितों को भी नुकसान पहुंचाया है।

ऐतिहासिक संस्कृति, विकास स्तर और विचारधारा के क्षेत्रों में भिन्नताएं होने की वजह से कुछ मुद्दों पर चीन और यूरोप के अलग अलग विचार हैं, यह सामान्य बात है। लेकिन दोनों के बीच सामरिक मतभेद या मुठभेड़ मौजूद नहीं है। मतभेदों को दूर करने के लिए यह प्राथमिकता है कि एक दूसरे के केंद्रीय हितों पर ख्याल करना और रचनात्मक रवैये से संपर्क को बनाए रखना। वार्ता में मिशेल ने कहा कि यूरोपीय आयोग एक-चीन नीति पर कायम रहता है, चीन की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करता है, चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता और चीन के साथ प्रत्यक्ष संवाद और सहयोग को मजबूत करना चाहता है।  आर्थिक और व्यापारिक सहयोग हमेशा चीन-यूरोप संबंधों में अहम भूमिका अदा करता है। इस साल के पहले 10 महीनों में चीन-यूरोप व्यापार 7.1 खरब यूएस डॉलर तक पहुंचा, जिसमें पिछले साल की तुलना में 6.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। चीन यूरोपीय आयोग का पहला बड़ा व्यापारिक साझेदार है और यूरोपीय आयोग चीन का दूसरा बड़ा व्यापारिक साझेदार है। चीन और यूरोप के बीच घनिष्ट आर्थिक संबंध कायम हो चुके हैं। 

वार्ता में चीन ने आह्वान पेश किया कि दोनों पक्ष समग्र आर्थिक नीति के समनव्य को मजबूत करेंगे, डिजिटिल अर्थतंत्र, हरित पर्यावरण, नयी ऊर्जा और एआई आदि विकास की नयी प्रेरणा इंजन का निर्माण करेंगे और संरक्षणवाद का समान विरोध करेंगे। विश्व की दो बड़ी आर्थिक इकाइयां होने के नाते चीन और यूरोप को सच्चे बहुपक्षवाद पर कायम रहना चाहिए, एक साथ विश्व की शांति और विकास की रक्षा करनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य आदि वैश्विक चुनौतियों का निपटारा करने में दोनों की कई सहमतियां हैं। चीन यूरोप के साथ सामरिक संपर्क को प्रगाढ़ करने को तैयार है। दुनिया जितनी अधिक अशांत है, चीन-यूरोप सहयोग उतना ही महत्वपूर्ण है। आशा है कि यूरोपीय पक्ष सामरिक स्वतंत्रता पर कायम रहकर चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापक सामरिक साझेदारी संबंधों को आगे विकसित करेगा, एक दूसरे को और ज्यादा मौके प्रदान करेगा और परिवर्तित दुनिया में और अधिक स्थिरता और निश्चितता डालेगा।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

 

- विज्ञापन -

Latest News