पंजाब ने सरप्लस बिजली वाला राज्य बनने की तरफ कदम बढ़ाया, कोयले की नहीं आने दी जाएगी कमी: CM Mann

रूपनगर: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब अतिरिक्त बिजली वाला राज्य बनने की तरफ बड़ा कदम बढ़ा रहा है, क्योंकि राज्य के किसी भी ताप बिजली घर को कोयले की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। राज्य के लिए निर्धारित पछवाड़ा कोयला खदानों से कोयले के पहुँचे पहले रैक का स्वागत करते.

रूपनगर: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब अतिरिक्त बिजली वाला राज्य बनने की तरफ बड़ा कदम बढ़ा रहा है, क्योंकि राज्य के किसी भी ताप बिजली घर को कोयले की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। राज्य के लिए निर्धारित पछवाड़ा कोयला खदानों से कोयले के पहुँचे पहले रैक का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब पंजाब देश का एकमात्र अतिरिक्त बिजली वाला राज्य बनेगा।

सीएम मान ने कहा कि धान के पिछले सीजन दौरान पंजाब ने 83 प्रतिशत अधिक बिजली का उत्पादन किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि पछवाड़ा खदानों से कोयले की स्पलाई शुरू होने से बिजली का उत्पादन कई गुना बढ़ेगा। बिजली इस समय विकास एवं तरक्की का मुख्य आधार है। इसलिए सरकार इसका उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य को औद्योगिक विकास की तेज़ी के रास्ते पर डालने में मदद मिलेगी और नौजवानों को रोजग़ार के नए अवसर मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पछवाड़ा कोयला खदाने राज्य को आवंटित हुई थीं, परन्तु 2015 से यह खदाने बंद पड़ी हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लम्बित पड़ा था। पिछली सरकारों ने कोयले की सप्लाई बहाल करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। हमारी सरकार ने सत्ता संभालते ही मार्च 2022 में यह मामला उठाया और सही तरीके से मामले की पैरवी करने से कोयले की सप्लाई बहाल हो गई। उन्होंने कहा कि अब पंजाब के लिए निर्धारित पछवाड़ा कोयला खदानों से कोयले की स्पलाई शुरू हो गई है और इन खदानों के पास राज्य की ज़रूरतों को पूरी करने के लिए अतिरिक्त कोयला है। इन खदानों की कुल क्षमता 70 लाख टन सालाना है। पंजाब के ताप बिजली घरों के लिए भविष्य में विदेशों से कोयला मंगवाने की कोई ज़रूरत नहीं रहेगी।

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