पठानकोट पुलिस ने किया जाली नोटों के रैकेट का भंडाफोड़, 2.52 लाख नकली नोट सहित 3 गिरफ्तार, SSP हरकमल प्रीत खख ने दी जानकारी

पठानकोट: नकली करेंसी पर नकेल कसते हुए पठानकोट पुलिस ने पठानकोट में चल रहे जाली नोटों के सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने में सफलता हासिल की है और तीन मुख्य अपराधियों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि आरोपी किराये की संपत्ति में कम मूल्य की नकली मुद्रा का निर्माण और परिचालित करते.

पठानकोट: नकली करेंसी पर नकेल कसते हुए पठानकोट पुलिस ने पठानकोट में चल रहे जाली नोटों के सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने में सफलता हासिल की है और तीन मुख्य अपराधियों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि आरोपी किराये की संपत्ति में कम मूल्य की नकली मुद्रा का निर्माण और परिचालित करते पाए गए हैं । गिरफ्तार दोषियों की पहचान अजय कुमार शर्मा (35) निवासी नेहरू नगर, मिथुन (36) निवासी न्यू कॉलोनी नेहरू नगर पठानकोट और संजय कुमार (37) निवासी 4 मरले क्वार्टर राम नगर पठानकोट के रूप में हुई है।

इसके बाद, पुलिस टीम ने उच्च गुणवत्ता के 2.52 लाख रुपये मूल्य के नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICNs) जब्त किए हैं। इसके अलावा एक प्रिंटर, एक पेपर कटर, स्याही की बोतलें, जाली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाला ए4 साइज का पेपर और एक मार्कर पेन भी जब्त किया गया है।

एसएसपी हरकमल प्रीत सिंह खख ने कहा कि थाना डिवीजन नंबर 1 की पुलिस को 16 दिसंबर को फर्जी नोट के प्रचलन और छपाई में कुछ लोगों के शामिल होने की सूचना मिली थी। तत्काल कार्रवाई करते हुए थाना डिवीजन नं. 1 के मुख्य अधिकारी मनदीप सल्होत्रा ​​सहित पुलिस दल, डीएसपी सिटी लखविंदर सिंह की देखरेख में गेहरी आहाता चौक पर नाका लगाकर 200 रुपये के नकली भारतीय नोटों के साथ ऑटो में सवार एक व्यक्ति को क़ाबू किया था।

उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ थाना डिवीजन नंबर 1 पठानकोट में भारतीय दंड संहिता की धारा 489-ए, 488-बी, 488-सी और 473 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा आरोपियों के पास से कूल 4000 रुपये शो में 200 रुपये के नकली भारतीय नोटों को भी बरामद किया है।

प्रारंभिक जांच के दौरान आरोपी अजय शर्मा ने खुलासा किया कि वह पठानकोट में तैनात थाना स्वास्थ्य संगठन में स्वास्थ्य निरीक्षक के पद पर कार्यरत है। उसने ड्रग्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। पठानकोट में तैनात होने से पहले वह 10 साल तक श्रीनगर घाटी में तैनात था। पठानकोट पहुंचने पर वह संजय कुमार और मिथुन के संपर्क में आया और दोनों नशे के आदी थे। अजय पठानकोट के नेहरू नगर स्थित अपने किराए के मकान में जाली नोट बनाता था और मिथुन व सन्नी के माध्यम से बाजार में जाली नोटों का वितरण करता था और चन्नी बेली गांव से नकली नोटों से नशा भी ख़रीद कर लाता था और करता था।

 

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