जिन घटनाओं की वजह से बीते साल बदली दुनिया

एक कहावत है, इतिहास भविष्य के इतिहास की नींव होता है। इन अर्थों में कह सकते हैं कि हर बीता हुआ पल दुनिया के भविष्य की बुनियाद भी होता है। अतीत हमें सोचने के लिए बाध्य करता है कि हमने क्या खोया और क्या हासिल किया?  इसके साथ ही हमें भविष्य में नया कुछ करने.

एक कहावत है, इतिहास भविष्य के इतिहास की नींव होता है। इन अर्थों में कह सकते हैं कि हर बीता हुआ पल दुनिया के भविष्य की बुनियाद भी होता है। अतीत हमें सोचने के लिए बाध्य करता है कि हमने क्या खोया और क्या हासिल किया?  इसके साथ ही हमें भविष्य में नया कुछ करने के लिए बाध्य भी करता है। इन संदर्भों में देखें तो दुनिया में बीते साल कई अहम बदलाव हुए तो कई मोर्चों पर दुनिया ने भावी इतिहास की रूपरेखा तय की। बीते साल की महत्वपूर्ण घटना रही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सौंवीं सालगिरह पर बीजिंग में आयोजित बैठक। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की यह बीसवीं राष्ट्रीय कांग्रेस रही। अक्टूबर 2022 में हुई इस बैठक में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कई अहम फैसले लिए। जिसमें मौजूदा राष्ट्रपति शी चिनफिंग को ना सिर्फ एक बार फिर राष्ट्रपति चुन लिया गया, बल्कि उन्हें चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का सर्वोच्च नेता भी चुना गया। बीसवीं राष्ट्रीय कांग्रेस के दौरान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने दुनिया को राह दिखाने वाले कई सामाजिक और आर्थिक प्रस्ताव पारित किए।  बीसवीं राष्ट्रीय कांग्रेस से वैश्विक शांति और विकास के साथ-साथ मानव सभ्यता की प्रगति में चीनी ज्ञान और शक्ति के योगदान को लेकर भी चर्चा हुई।

इस दौरान विशेष रूप से चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा दुनिया को दी गई मानव विकास की अवधारणा पर भी चर्चा हुई। चर्चा के दौरान कहा गया कि इस वैचारिकी ने युद्ध और लूट की वैश्विक सोच की बजाय शांति के जरिए बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण की अवधारणा के साथ ही प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया है। जिससे मानव विकास की दिशा में नई संभावनाएं पैदा हुई हैं और इससे दुनिया को अच्छे संकेत मिले हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक के जरिए चीन ने दुनिया को आश्वासन देने की भी कोशिश की नया चीन सुधार और खुलेपन के लिए दृढ़ संकल्प है। साल 2022 में कोरोना की महामारी से जूझ रही दुनिया जहां आर्थिक मोर्चे पर आगे बढ़ने की कोशिश करती नजर आई, वहीं चीन की आर्थिक गतिविधियां तेज रहीं। गरीबी हटाने के मोर्चे पर चीन सरकार की कोशिशों को वैश्विक मान्यता मिली। माना गया कि चीन की कोशिशें दुनिया को नई राह दिखा सकती हैं। बीते साल ही थाइवान के एकीकरण को लेकर चीन ने कड़ा रूख अख्तियार किया और दुनिया को संदेश दिया। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के थाइवान मामलों की राज्य परिषद के कार्यालय ने बीते सितंबर महीने में एक श्वेत पत्र जारी किया।

जिसका शीर्षक था, ‘थाइवान का प्रश्न और नए दौर में चीन के एकीकरण’। थाइवान को लेकर चीन की ओर से यह तीसरा श्वेत पत्र है। इसके पहले अगस्त 1993 और फरवरी 2000 में, चीन की सरकार थाइवान को लेकर दो श्वेत पत्र जारी करचुकी है। इन श्वेत पत्रों पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की थाइवान मामले की राज्य परिषद और उसके सूचना कार्यालय ने टिप्पणी के जरिए चीन की भावी स्थिति को एक तरह से साफ कर दिया है। परिषद ने कहा है कि चीन का राष्ट्रीय कायाकल्प ऐतिहासिक जरूरत है और अब चीन के पास अपने एकीकरण के लिए पहले की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर स्थिति, अधिक आत्मविश्वस और अधिक क्षमता देखी गई। इस टिप्पणी के जरिए एक तरह से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने दुनिया को संदेश दिया है कि थाइवान उसका अनिवार्य अंग है और उसके एकीकरण की राह में दुनिया के देश बाधा न बनें। सबसे बड़ी बात यह है कि इस श्वेत पत्र में एकीकरण के खिलाफ बाहरी हस्तक्षेप को चेतावनी भी दी गई।इस साल अगस्त में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पलोसी ने थाइवान की यात्रा की। जिसे चीन में उकसावे की अमेरिकी कार्रवाई के तौर पर देखा गया और चीन ने इसका कड़ा विरोध किया।

चीन ने अपनी सेना को खुली छूट भी दे रखी थी। चीन ने इस यात्रा के खिलाफ सैनिक कार्रवाई करने का भी संकेत दे दिया था। तब माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया था। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने हर साल की तरह बीते साल भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार किए रखा। पार्टी ने अंदरूनी रूप से भ्रष्टाचार की आशंका में एक दशक के दौरान करीब पचास लाख लोगों की जांच कराई और उनमें से दो लाख सात हजार लोगों को सजा भी दिलाई। इसकी जानकारी पार्टी की बीसवीं राष्ट्रीय कांग्रेस में पार्टी की अनुशासन एवं निरीक्षण समिति के उप सचिव जिओ पेई ने दी। उन्होंने कहा कि शी चिनफिंग के सत्ता संभालने के बाद 10 साल में यह कदम उठाया गया। अकेले साल 2021 में ही 553 लोगों के खिलाफ औपचारिक रूप से आपराधिक मामले दर्ज किए गए। श्रीलंका को आर्थिक बदहाली से निकालने में भारतीय प्रयासों की  चीनी विदेश मंत्रालय ने प्रशंसा भी की। बीते साल जून में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने यह कहने से परहेज नहीं किया कि जिस तरह से श्रीलंका में ईंधन और आवश्यक सामानों की भारी किल्लत हो गई थी, उसमें भारत ने शानदार प्रयास किया है। झाओ लिजियान ने कहा कि श्रीलंका के संकट को कम करने में हम भारत के प्रयासों की सराहना करते हैं।

बीते साल आठ सितंबर को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में निधन हो गया। महारानी के निधन के बाद उनके पुत्र 73 वर्षीय चार्ल्स को ब्रिटेन का महाराजा घोषित किया गया।प्रिंस चार्ल्स का पूरा नाम चार्ल्स फिलिप आर्थर जॉर्ज है। प्रिंस चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला के लिए भव्य राज्याभिषेक समारोह अगले साल शनिवार, छह मई को आयोजित किया जाएगा। इसमें रानी को भी ताज पहनाया जाएगा। चार्ल्स न केवल यूनाइटेड किंगडम के राजा और देश के प्रमुख हैं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जमैका, न्यूजीलैंड और पापुआ न्यू गिनी सहित 14 अन्य क्षेत्रों के भी हैं। ब्रिटेन बीते साल आर्थिक संकट के चलते राजनीतिक संकट भी पैदा हो गया था। महज दो महीने में ब्रिटेन को तीन प्रधानमंत्री मिले। बड़े आरोपों का सामना कर रहे बोरिस जॉनसन को 7 जून को इस्तीफा देना पड़ा। उनके इस्तीफे के बाद लिज ट्रस ने पांच सितंबर को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन ट्रस महज 44 दिन ही प्रधानमंत्री रह पाईं। फिर भारतीय मूल के ऋषि सुनक 24 अक्टूबर के दिन प्रधानमंत्री बने।   

दुनिया को हिला देने वाली बीते साल की घटना रही रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई। सीमा और दूसरे विवाद के साथ ही नाटो देशों से यूक्रेन की बढ़ती निकटता की वजह से रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई हुई। तब यह लड़ाई जारी है। इसकी वजह से दुनिया में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें बढ़ गईं। जिसका असर वैश्विक स्तर पर आर्थिक संकट और महंगाई के रूप में दिख रहा है। लेकिन यह युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बीते साल की एक और बड़ी घटना रही, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क द्वारा वैश्विक सोशल मीडिया साइट ट्वीटर की खरीद। बीते साल 14 अप्रैल को ट्विटर  को मस्क ने खरीदा। इस सौदे के लिए मस्क ने लीव इट ऑफर में 44 बिलियन डालर की पेशकश की थी। मस्क ने 13 अप्रैल 2022 को ट्वीटर खरीदने का एलान किया था। हालांकि बाद में उन्होंने स्पैम और फेक अकाउंट्स के कारण डील को होल्ड पर रख दिया था। तमाम उठा-पटक के बाद वे आखिरकार अक्तूबर में सौदा फाइनल करने पर सहमत हुए। 

बीते साल ईरान में हिजाब के खिलाफ महिलाओं का आंदोलन शुरू हुआ। जिसे वैश्विक स्तर पर समर्थन मिला। दरअसल 16 सितंबर को ईरानी नागरिक महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। ईरान की मोरल पुलिस ने महसा अमीनी नामक महिला को हिजाब नियमों का पालन ना करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद दुनिया भर में  ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई और उनकी मोरल पुलिस के साथ ही कट्टर नियमों के विरोध में महिलाओं ने सड़क पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने हिजाब से आजादी की मांग भी की। पूरे ईरान में हुए इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत भी हुई। अब ईरान ने मोरल पुलिस सेवा को खत्म करने का फैसला लिया है। बीते साल ग्लोबल वार्मिंग की चपेट से यूरोप परेशना रहा। जुलाई की शुरुआत में यूरोप के कुछ हिस्सों में पारा खतरनाक रूप से चढ़ गया। पुर्तगाल, स्पेन, फ्रांस, यूनान और क्रोएशिया के जंगलों में आग के वजह से यूरोप भीषण गर्मी की चपेट में रहा। ब्रिटेन में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। भीषण गर्मी की वजह से यूरोप में ट्रेन सिग्नल पिघल गए। ट्रेन सिग्नल पिघल के कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए।

बीते साल इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भारत को अगले साल के अध्यक्षता सौंपी गई। 16 नवंबर को हुए इस कार्यक्रम में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत को दे दी है। इसके बाद एक दिसंबर से एक साल के लिए भारत जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्ष बन गया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे गर्व की बात बताया। बाली में जी20 की अध्यक्षता मिलने पर पीएम मोदी ने कहा, “G20 की अध्यक्षता हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। हम अपने विभिन्न शहरों और राज्यों में बैठकें आयोजित करेंगे। हमारे अतिथियों को भारत की अद्भुदता, विविधता, समावेशी परंपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा।” हर बदलते पल के साथ नया इतिहास रचा जाता है। लेकिन कुछ ही पल ऐसे होते हैं, जो पूरी दुनिया को प्रभावित करते हैं। दुनिया को बदलने वाली बीते साल की ये कुछ घटनाएं रहीं, जिन पर हमने फोकस करने की कोशिश की।

(उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ भारतीय पत्रकार)

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