किसान संघर्ष दौरान शहीद हुए 634 किसान वारिसों को अब तक जारी किए 31.70 करोड़ रुपए: मंत्री धालीवाल

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने साल 2022 के दौरान राज्य के किसानों के कल्याण के लिए किसान हितैषी फ़ैसले किए हैं। यह जानकारी देते हुए पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने अब तक किसान संघर्ष के दौरान शहीद हुए 634 किसानों के वारिसों.

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने साल 2022 के दौरान राज्य के किसानों के कल्याण के लिए किसान हितैषी फ़ैसले किए हैं। यह जानकारी देते हुए पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने अब तक किसान संघर्ष के दौरान शहीद हुए 634 किसानों के वारिसों को 5 लाख रुपए के हिसाब से कुल 31 करोड़ 70 लाख रुपए जारी किए हैं। इसी तरह किसानों के 326 वारिसों को अलग-अलग विभागों में सरकारी नौकरी दी जा चुकी है, 98 को नौकरी देने के लिए वैरीफिकेशन मुकम्मल हो गई है, जबकि 210 अन्य को सरकारी नौकरी देने के लिए प्रक्रिया मुकम्मल की जा रही है।

मंत्री ने कहा कि राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए मूंग की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7275 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया और 15,737 किसानों के बैंक खातों में कुल 61.85 करोड़ रुपये सीधे हस्तांतरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की गई है, जिसका अच्छा प्रतिसाद भी मिला है।

धालीवाल ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा किसानों को धान की सीधी बिजाई करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे पानी की लगातार हो रही कमी को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि खरीफ की फ़सल 2022 के दौरान अधीन तस्दीक की गई कुल ज़मीन 169008 एकड़ है, जिसके लिए 1500 रुपए प्रति एकड़ और कुल 25.06 करोड़ रुपए की राशि किसानों को जारी की गई है। उन्होंने बताया कि किसानों को राहत देते हुए गन्ने का भाव 20 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है और सहकारी के प्राईवेट चीनी मिलों को 492 करोड़ रुपए जारी किए हैं, जिससे किसानों को लाभ दिया जा सके।

धालीवाल ने बताया कि कृषि पंजाब की आर्थिकता का एक महत्वपूर्ण अंग है। पंजाब ने पिछले पाँच दशकों से देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित बनाया है और देश के लिए अपेक्षित फूड स्टॉक बनाए रखा है। पंजाब ने साल 2021-22 के दौरान देश के अन्न-भंडार का 31 प्रतिशत गेहूँ और चावल का 21 प्रतिशत योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि भौगोलिक तौर पर पंजाब का 50.33 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल है, जिसमें से लगभग 41.27 लाख हेक्टेयर कृषि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि 40.74 लाख हेक्टेयर (98.9 प्रतिशत) में सिंचाई की जाती है। राज्य की फ़सल की तीव्रता 189 प्रतिशत से अधिक है। यह देश में लगभग 18 प्रतिशत गेहूँ, 11 प्रतिशत चावल और 4 प्रतिशत कपास, 10 प्रतिशत दूध, 20 प्रतिशत शहद और 48 प्रतिशत खुंब का उत्पादन करता है।

 

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