दुनिया के सबसे बड़े “रेगिस्तान गोबी मरुस्थल” पवन ऊर्जा फोटोवोल्टिक आधार परियोजना का निर्माण शुरू

चीन में त्रिघाटी ग्रुप और भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के ऊर्जा ग्रुप के संयुक्त निर्माण वाली नई ऊर्जा आधार परियोजना 28 दिसंबर को खुपुछी रेगिस्तान में शुरु हुई। यह परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा फोटोवोल्टिक आधार परियोजना है, जिसे रेगिस्तान, गोबी और मरुस्थल क्षेत्रों में विकसित और निर्मित किया जाएगा, और यह चीन.

चीन में त्रिघाटी ग्रुप और भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के ऊर्जा ग्रुप के संयुक्त निर्माण वाली नई ऊर्जा आधार परियोजना 28 दिसंबर को खुपुछी रेगिस्तान में शुरु हुई। यह परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा फोटोवोल्टिक आधार परियोजना है, जिसे रेगिस्तान, गोबी और मरुस्थल क्षेत्रों में विकसित और निर्मित किया जाएगा, और यह चीन में निर्माण शुरू करने वाली पहली दस मिलियन किलोवाट-स्तर की नई ऊर्जा बड़ी आधार परियोजना भी है।

खुपुछी आधार परियोजना में कुल निवेश 80 अरब युआन से अधिक है, जिसमें 1.6 करोड़ किलोवाट की कुल स्थापित क्षमता है, जिसमें 80 लाख किलोवाट फोटोवोल्टिक्स और 40 लाख किलोवाट पवन ऊर्जा शामिल है। परियोजना का निर्माण पूरो होने के बाद, यह हर साल पेइचिंग-थ्येनचिन-हपेई क्षेत्र में लगभग 40 अरब किलोवाट बिजली संचारित करने में सक्षम होगी, जिसमें स्वच्छ ऊर्जा 50 प्रतिशत से अधिक होगी, जो लगभग 60 लाख टन मानक कोयले की बचत और लगभग 1.6 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के बराबर है। बता दें कि खुपुछी रेगिस्तान चीन के भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के ऑर्डोस पठार के उत्तरी भाग में स्थित है और चीन का सातवाँ सबसे बड़ा मरुस्थल है। साल 2014 में, खुपुछी रेगिस्तान को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा “वैश्विक रेगिस्तान पारिस्थितिकी अर्थव्यवस्था प्रदर्शन क्षेत्र” के रूप में पहचाना गया, तब खुपुछी रेगिस्तान चीन के लिए एक हरित कार्ड बन गया है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

 

- विज्ञापन -

Latest News