वाहन बिक्री, GST आंकड़े और Corona के रुख का बाजार पर रहेगा असर

मुंबई: चीन में बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए काेरोना प्रतिबंध में ढील दिये जाने की घोषणा से उत्साहित निवेशकों की दमदार लिवाली की बदौलत बीते सप्तह 1.7 प्रतिशत की छलांग लगा चुके घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह दिसंबर की वाहन बिक्री एवं वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आंकड़ा, रूस-यूक्रेन तनाव, कोरोना संक्रमण.

मुंबई: चीन में बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए काेरोना प्रतिबंध में ढील दिये जाने की घोषणा से उत्साहित निवेशकों की दमदार लिवाली की बदौलत बीते सप्तह 1.7 प्रतिशत की छलांग लगा चुके घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह दिसंबर की वाहन बिक्री एवं वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आंकड़ा, रूस-यूक्रेन तनाव, कोरोना संक्रमण के प्रसार और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख का असर रहेगा। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 995.45 अंक अर्थात 1.7 प्रतिशत की उछाल लेकर सप्ताहांत पर 60840.74 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 298.5 अंक यानी 1.7 प्रतिशत की तेजी के साथ 18105.30 अंक पर रहा।

समीक्षाधीन सप्ताह बीएसई की दिग्गज कंपनियों के मुकाबले मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली की रफ्तार अधिक तेज रही। इससे मिडकैप 887.71 अंक की छलांग लगाकर 25314.50 अंक और स्मॉलकैप 1674.11 अंक की उड़ान भरकर 28926.79 अंक पर पहुंच गया। विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में पिछले सप्ताह पिछले तीन सप्ताह की गिरावट पर ब्रेक लगा तथा सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में करीब दो प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।

दुनिया भर में कोविड संक्रमण के मामले बढ़ने और रूस-यूक्रेन संकट के बीच निकट भविष्य में बाजार में अस्थिरता अधिक रहने की संभावना है। साथ ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाला अंतिम बजट सत्र, कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के परिणाम, दिसंबर के वाहन बिक्री और जीएसटी के जारी होने वाले आंकड़ों की अगले सप्ताह बाजार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसके अलावा, इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डॉलर सूचकांक भी अगले सप्ताह बाजार की दिशा निर्धारित करने वाले अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे। साथ ही एफआईआई के निवेश प्रवाह पर भी बाजार की नजर रहेगी।

एफआईआई ने पिछले वर्ष दिसंबर में कुल 139,091.40 करोड़ रुपये की लिवाली जबकि कुल 153,322.49 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। उन्होंने बाजार से 14,231.09 करोड़ रुपये निकाल लिए। हालांकि, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की निवेश धारणा मजबूत रही है। उन्होंने बाजार में कुल 136,300.97 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि 112,141.84 करोड़ रुपये निकाल लिए, जिससे वह 24,159.13 करोड़ रुपये के लिवाल रहे। अगर घरेलू शेयर बाजार के पिछले पूरे साल के लेखा-जोखा पर नजर डालें तो कोरोना महामारी के साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध, वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता के बीच केन्द्रीय बैंकों द्वारा महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज दरों में की गयी बढ़ोतरी और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने वर्ष 2022 में सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचने के साथ ही निवेशकाें को भी मालामाल किया है।

सेंसेक्स और निफ्टी ने निवेशकों को वर्ष 2022 में चार फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है। हालांकि यह रिटर्न चीन में फिर से काेरोना महामारी के तेजी से फैलने और इसका असर वैश्विक स्तर पर होने की वजह से दिसंबर के अंतिम दो सप्ताह में हुये उतार चढ़ाव से कुछ कम हो गया है। शेयर बाजार के लिहाज से साल 2022 काफी बेहतर रहा है। इस साल में आखिरी कारोबारी दिन में जरूर शेयर बाजार लाल निशान में रहा। साल 2022 में सेंसेक्स और निफ्टी ने लोगों को बेहतर रिटर्न दिया है। इस साल सेंसेक्स ने 4.44 फीसदी और निफ्टी ने 4.32 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस साल आखिरी छह महीनों में सेंसेक्स ने रफ्तार पकड़ी और एक के बाद एक कई रिकॉर्ड बनाये।

इस साल सेंसेक्स 2,586.92 अंक अर्थात 4.44 प्रतिशत की बढ़त हासिल करने में सफल रहा। वहीं इससे पिछले साल सेंसेक्स ने 10,502.49 अंक अर्थात 21.99 प्रतिशत की जबरदस्त तेजी दिखाई थी। इसके बाद निफ्टी ने भी आखिरी छह महीने में तेजी दिखाई और 751.25 अंक अर्थात 4.32 प्रतिशत की तेजी दर्ज की। वर्ष 2022 में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांक सर्वकालिक स्तर पर पहुंचे। एक दिसंबर को सेंसेक्स ने 63,583.07 अंक का अपना सर्वकालिक स्तर को छुआ तो वहीं 17 जून को यह 52 सप्ताह के निचले स्तर 50,921.22 अंक पर भी गिरा था। इसके साथ ही निफ्टी ने भी साल 2022 में अपना रिकार्ड उच्चतम स्तर 18887.60 अंक को छुआ।

वहीं निफ्टी का 52 सप्ताह को निचला स्तर 15183.40 अंक रहा। बीते सप्ताह शेयर बाजार तीन दिन तेजी जबकि शेष दो दिन गिरावट पर रहा। कोरोना संक्रमण के आसन्न खतरों के बीच एशियाई बाजारों की तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर यूटिलिटीज, पावर, इंडस्ट्रियल्स और दूरसंचार समेत 19 समूहों में हुई लिवाली की बदौलत शेयर बाजार पिछले लगातार चार दिन की गिरावट से उबरते हुए सोमवार को एक प्रतिशत से अधिक की तेजी पर रहा। सेंसेक्स 721.13 अंंक की छलांग 60566.42 अंक और निफ्टी 207.80 अंक की उड़ान भरकर 18014.60 अंक पर पहुंच गया। चीन में आगंतुकों के लिए कोविड नियम में ढील दिये जाने से वैश्विक बाजार में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत मंगलवार को सेंसेक्स 361.01 अंक की तेजी लेकर 60927.43 अंक और निफ्टी 117.70 अंक उछलकर 18132.30 अंक पर पहुंच गया।

वहीं, वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर नौ समूहों में गिरावट जबकि 11 समूहों में तेजी रहने से बुधवार को शेयर बाजार पिछले लगातार दो दिनों की तेजी गंवाकर सपाट रहा। सेंसेक्स 17.15 अंक फिसलकर 60910.28 अंक और निफ्टी 9.80 अंक उतरकर 18122.50 अंक पर सपाट बंद हुआ। वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर तेल एवं गैस, धातु, बैंकिंग और ऊर्जा समेत 17 समूहों में हुई लिवाली की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स 223.60 अंक की तेजी लेकर 61 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 61133.88 अंक और निफ्टी 68.50 अंक मजबूत होकर 18191 अंक पर पहुंच गया। वहीं, वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर बैंकिंग, यूटिलिटीज, एफएमसीजी, पावर और टेक समेत 12 समूहों में हुई बिकवाली से शुक्रवार को साल के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार गिरकर बंद हुआ। सेंसेक्स 293.14 अंक लुढ़ककर 60840.74 अंक और निफ्टी 85.70 अंक टूटकर 18105.30 अंक पर रहा।

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