हाई कोलेस्ट्रॉल को अगर नहीं किया कंट्रोल, तो बढ़ सकता है Heart Attack का खतरा

रक्त में कोलैस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने की स्थिति को स्वास्थ्य विशेषज्ञ गंभीर समस्या के तौर पर देखते हैं, इससे हृदय रोगों और हार्ट अटैक तक का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि सभी लोगों को जीवनशैली और खान-पान पर ध्यान देते हुए कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने वाले उपाय करते रहने की सलाह देते.

रक्त में कोलैस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने की स्थिति को स्वास्थ्य विशेषज्ञ गंभीर समस्या के तौर पर देखते हैं, इससे हृदय रोगों और हार्ट अटैक तक का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि सभी लोगों को जीवनशैली और खान-पान पर ध्यान देते हुए कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने वाले उपाय करते रहने की सलाह देते हैं। हाई कोलैस्ट्रॉल के कारण रक्त वाहिकाओं में फैटी जमाव विकसित होने का खतरा रहता है जिससे धमनियों में पर्याप्त रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है।

इस समस्या के कारण हृदय को पर्याप्त मात्र में रक्त नहीं मिल पाता है, जिसके कारण दिल का दौरा या स्ट्रोक का जोखिम हो सकता है। आहार विशेषज्ञ कहते हैं, जीवनशैली में गड़बड़ी के अलावा आहार पर ध्यान न देने के कारण कोलैस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या हो सकती है। धूम्रपान और मोटापा जैसी स्थिति भी इसका एक कारण हो सकती है। गंभीर हृदय रोगों के अलावा हाई कोलैस्ट्रॉल के कारण न्यूरोलॉजिलक विकारों का भी जोखिम हो सकता है, जिसको लेकर अध्ययन में शोधकत्र्ताओं ने अलर्ट किया है।

हाई कोलैस्ट्रॉल और अल्जाइमर रोग का जोखिम

यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो स्कूल ऑफ मैडीसिन के शोधकत्र्ताओं ने पाया है कि मस्तिष्क और रक्त वाहिकाओं पर कोलैस्ट्रॉल के हानिकारक प्रभाव के कारण हृदय रोगों के अलावा अल्जाइमर रोग की भी समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कोलैस्ट्रॉल, अल्जाइमर रोग को बढ़ावा देने के लिए मस्तिष्क को कैसे नुक्सान पहुंचाता है। शोधकत्र्ताओं ने पाया कि जिस प्रकार से वैश्विक स्तर पर बड़ी आबादी हाई कोलैस्ट्रॉल की समस्या से परेशान है, यह भविष्य में गंभीर रोगों के जोखिम को बढ़ाने वाली हो सकती है। कम उम्र से ही लोगों को कोलैस्ट्रॉल को कंट्रोल करने वाले उपाय करते रहने चाहिए।

धूम्रपान की आदत हानिकारक

धूम्रपान से न केवल फेफड़ों की समस्या बढ़ती है साथ ही अध्ययनों में पाया गया है कि यह बैड कोलैस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ा सकती है। अध्ययनकत्र्ताओं ने पाया कि इस आदत को छोड़ने के बाद कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार हो सकता है। धूम्रपान छोड़ने के तीन महीने के भीतर आपके रक्त परिसंचरण और फेफड़ों के कार्य में सुधार होने लगता है। धूम्रपान छोड़कर कोलैस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ने से भी रोकने में मदद मिल सकती है।

आहार पर ध्यान देना सबसे जरूरी

हाई फैट वाले डेयरी उत्पादों में पाया जाने वाला संतृप्त वसा, बैड कोलैस्ट्रॉल को बढ़ावा दे सकता हैं। संतृप्त वसा की खपत कम करने से लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलैस्ट्रॉल के स्तर में सुधार आने लगता है। शोधकत्र्ताओं ने पाया कि प्लांट बेस्ड डाइट का अधिक सेवन और आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्र कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करते हुए रक्तचाप को कम करने में लाभकारी हो सकती है।

नियमित व्यायाम की बनाएं आदत

व्यायाम की आदत कोलैस्ट्रॉल के स्तर में सुधार कर सकती है। मध्यम स्तर की शारीरिक गतिविधि बैड कोलैस्ट्रॉल को कम करते हुए गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मददगार मानी जाती है। सप्ताह में पांच बार कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम या सप्ताह में 3.20 मिनट के लिए एरोबिक गतिविधि की आदत बनाने से आपको लाभ मिल सकता है। योग के नियमित अभ्यास के माध्यम से भी कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखा जा सकता है।

- विज्ञापन -

Latest News