क्या है फौजा सिंह सारारी के इस्तीफा देने का कारण? मान सरकार में 10 महीने में हुई दूसरे कैबिनेट मंत्री की छुट्‌टी

चंडीगढ़: पंजाब के बागवानी मंत्री फौजा सिंह सारारी ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। निजी कारणों का हवाला देते हुए मंत्री सरारी द्वारा दिया गया इस्तीफा सीएम भगवंत मान ने स्वीकार कर लिया है। पंजाब में मान सरकार बनने के 10 महीने के अंदर ही दूसरे कैबिनेट मंत्री की.

चंडीगढ़: पंजाब के बागवानी मंत्री फौजा सिंह सारारी ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। निजी कारणों का हवाला देते हुए मंत्री सरारी द्वारा दिया गया इस्तीफा सीएम भगवंत मान ने स्वीकार कर लिया है। पंजाब में मान सरकार बनने के 10 महीने के अंदर ही दूसरे कैबिनेट मंत्री की छुट्‌टी हो गई है। फौजा सिंह सरारी की जगह पटियाला देहाती से विधायक डॉ बलबीर सिंह को मंत्री बनाया जाएगा और वह आज ही राज्यपाल भवन में मंत्री पद की शपथ लेंगे।

जानकारी के अनुसार फौजा सिंह सरारी पंजाब पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर हैं। उन्होंने पहली बार ही चुनाव लड़ा और बॉर्डर एरिया फिरोजपुर के गुरुहरसहाय से विधायक बने। मंत्री सरारी ने अपने पद से इस्तीफा देने का कारण हालांकि निजी बताया, लेकिन आपको बता दें कि उनपर करीब 3 महीने पहले भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।

सरारी पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप
दरअसल, खाद्य एवं बागवानी मंत्री फौजा सिंह सरारी पर करीब 3 महीने पहले भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। सरारी और उनके PA से बीच पैसों के लेनदेन की बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद विपक्षी पार्टियों द्वारा उनको बर्खास्त करने और उन पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही थी। लेकिन मंत्री सरारी ने अपने पर लगे सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि विरोधियों ने उन्हें बदनाम करने के लिए एक षड्यंत्र के तहत यह ऑडियो तैयार करके सोशल मीडिया पर डाली, जिसमें कोई सच्चाई नहीं। उस वक्त सीएम मान अपने जर्मनी दौरे पर थे और वापस आने के बाद सरारी को इस सबंध में नोटिस भेजा गया। फौजा सिंह ने इस्तीफा सौंपते हुए कहा कि वह हमेशा से पार्टी के वफादार सिपाही रहें हैं और आगे भी रहेंगे।

फौजा सिंह मंत्री पद गंवाने वाले पंजाब के दूसरे मंत्री
फौजा सिंह सरारी पंजाब सरकार में मंत्री पद गंवाने वाले दूसरे मंत्री हैं। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को बर्खास्त किया गया था। सिंगला पर विभाग के टेंडर में कमीशन लेने के आरोप लगे थे। इतना ही नहीं विजय सिंगला को जेल भी जाना पड़ा। हालांकि मंत्री सिंगला को पार्टी से बर्खास्त नहीं किया गया।

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