Brazil Attack : Jair Bolsonaro के समर्थकों ने उच्चतम न्यायालय-राष्ट्रपति भवन पर कब्जा, PM Modi और Joe Biden ने की निंदा

रियो डी जिनेरियोः ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों ने रविवार को राजधानी में उच्चतम न्यायालय, राष्ट्रपति भवन और अन्य स्थानों पर धावा बोला। इन हमलों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई विश्व नेताओं ने निंदा की है। राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के कार्यभार संभालने के एक सप्ताह बाद बोल्सोनारो के.

रियो डी जिनेरियोः ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों ने रविवार को राजधानी में उच्चतम न्यायालय, राष्ट्रपति भवन और अन्य स्थानों पर धावा बोला। इन हमलों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई विश्व नेताओं ने निंदा की है। राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के कार्यभार संभालने के एक सप्ताह बाद बोल्सोनारो के समर्थकों ने यह हंगामा किया है। बोल्सोनारो ने उनके खिलाफ आए चुनावी नतीजों को मानने से इनकार दिया था, तभी से उनके समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं।

हजारों प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों को पार कर सुरक्षा घेरा तोड़ा, छतों पर चढ़ गए, खिड़कियां तोड़ दीं और तीन इमारतों पर धावा बोला। कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। इनमें से कई तो चुनाव परिणाम स्वीकार करने से इनकार करते हुए सशस्त्र बलों से इसमें हस्तक्षेप करने और बोल्सोनारो को दोबारा राष्ट्रपति बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।

साओ पाउलो में एक संवाददाता सम्मेलन में लूला डा सिल्वा ने कहा कि बोल्सोनारो ने लोगों को विद्रोह करने के लिए प्रोत्साहित किया। सिल्वा ने प्रदर्शनकारियों को ‘‘फासीवादी कट्टरपंथी’’ करार दिया। उन्होंने संघीय जिले में सुरक्षा का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के लिए संघीय सरकार का एक आदेश भी पढ़ा। लूला डा सिल्वा ने कहा, ‘‘ पहले कभी ऐसा नहीं हुआ और इन लोगों को दंडित किए जाने की जरूरत है।’’प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय ध्वज को प्रतिंिबबित करने वाले हरे और पीले रंग के कपड़े पहने हुए नजर आ रहे हैं, जो देश के रूढ़िवादी आंदोलन का प्रतीक बन गए हैं। अक्सर बोल्सोनारो के समर्थक इसी रंग के कपड़े पहने नजर आए हैं।

गौरतलब है कि लूला डा सिल्वा ने 30 अक्टूबर को हुए चुनाव में बोल्सोनारो को मात दी थी, जिसके बाद उनके कई समर्थक देशभर में सड़कों पर उतर आए थे और चुनाव परिणाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील में बोल्सोनारो के समर्थकों द्वारा राजधानी ब्रासीलिया में विभिन्न स्थानों पर हंगामा किए जाने की खबरों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि सभी को लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, कि ‘ब्रासीलिया में सरकारी संस्थानों के खिलाफ दंगे व तोड़फोड़ की खबरों से बहुत चिंतित हूं। सभी को लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। हम ब्राजील के प्राधिकारियों को पूरा समर्थन देते हैं।’’

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ब्राजील में हुई इस घटना की निंदा करते हुए पत्रकारों से कहा कि ब्राजील में दंगे ‘‘अपमानजनक’’ हैं। बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने ट्वीट कया, अमेरिका ‘‘ ब्राजील में लोकतंत्र को कमजोर करने के किसी भी प्रयास की निंदा करता है।’’ ऐसी ही घटना अमेरिका में भी देखने को मिली थी, जब डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। ट्रंप के इन आरोपों के बीच उनके कथित समर्थकों ने छह जनवरी को संसद भवन परिसर में हिंसा की थी।

ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने ट्वीट किया, ‘‘ ब्राजील के लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए किए गए इस प्रयास को किसी भी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता। राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा और ब्राजील की सरकार को ब्रिटेन का पूरा समर्थन है।’’ संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी ब्राजील के लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमलों की निंदा की और कहा कि उन्हें अब भी विश्वास है कि ‘‘ ब्राजील के लोगों और देश के संस्थानों की इच्छा का सम्मान किया जाएगा।’’

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