वास्तु शास्त्र के अनुसार गलत दिशा में सोने दे बड़ सकती है पति-पत्नी के अनबन

वास्तु शास्त्र किसी भी कार्य को सही तरीके से करना सिखाता है। यदि कोई कार्य वास्तु के नियमों के विपरीत होता है तो वास्तु दोष की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे मनुष्य को अनेक प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग वास्तु शास्त्र को विशेष महत्व देते.

वास्तु शास्त्र किसी भी कार्य को सही तरीके से करना सिखाता है। यदि कोई कार्य वास्तु के नियमों के विपरीत होता है तो वास्तु दोष की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे मनुष्य को अनेक प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग वास्तु शास्त्र को विशेष महत्व देते हैं। ये अपना घर बनाने से लेकर सोने तक के काम वास्तु के अनुसार करना पसंद करते हैं।

इसके पीछे यह मान्यता है कि घर में सुख शांति और पारिवारिक सुख के लिए वास्तु दोष से बचाव जरूरी है। ऐसे में अगर आपके परिवार में आपसी वैमनस्य है तो इसके पीछे वास्तु दोष हो सकता है। आज हम आपको ऐसे ही एक वास्तु दोष से बचने का उपाय बता रहे हैं। आज हम बात करेंगे कि शादीशुदा जोड़े को किस दिशा में मुंह करके सोना चाहिए। इतना ही नहीं, कमरे और पलंग का रंग, पलंग की दिशा आदि भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। तो आइए आपको इससे रूबरू कराते हैं

शादीशुदा जोड़ों के लिए आपसी प्रेम और सद्भाव के लिए सही दिशा में सोना जरूरी है। इस संबंध में वास्तु शास्त्र की मान्यता है कि जब विवाहित जोड़ा सोता है तो उनका सिर दक्षिण दिशा में और पैर उत्तर दिशा में होने चाहिए। इससे इनका वैवाहिक जीवन काफी सुखमय रहता है। इससे पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम और विश्वास बना रहता है। इनके घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

बिस्तर के किस करवट सोना चाहिए?
पलंग और पति-पत्नी के सोने की दिशा के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि पति पलंग के किस करवट सोए और पत्नी किस करवट सोए। अगर कपल एक-दूसरे के साथ खुशहाल जिंदगी जीना चाहते हैं तो उन्हें इन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। बिस्तर पर सोने वाले पति के बारे में वास्तु शास्त्र का नियम है कि बिस्तर पर पति को दाहिनी ओर और पत्नी को बाईं ओर सोना चाहिए। इसी के साथ दोनों के बीच प्रेम संबंध जारी है।

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