गांधी स्मारक भवन के पूर्व निदेशक Devraj Tyagi को पुलिस ने किया गिरफ्तार

सैक्टर-16 स्थित गांधी स्मारक भवन को धोखाधड़ी से कब्जा करने के मामले में सैक्टर-17 थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपी की पहचान गांधी स्मारक भवन के पूर्व निदेशक देवराज त्यागी के रूप में हुई। सैक्टर-17 थाना पुलिस ने आरोपी को शनिवार जिला अदालत में पेश किया। मामले में फरार.

सैक्टर-16 स्थित गांधी स्मारक भवन को धोखाधड़ी से कब्जा करने के मामले में सैक्टर-17 थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपी की पहचान गांधी स्मारक भवन के पूर्व निदेशक देवराज त्यागी के रूप में हुई। सैक्टर-17 थाना पुलिस ने आरोपी को शनिवार जिला अदालत में पेश किया। मामले में फरार आरोपियों को पकडऩे के लिए त्यागी का पांच दिन का पुलिस रिमांड मांगा। अदालत ने पुलिस की दलील सुनने के बाद आरोपी देवराज त्यागी को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

स्मारक भवन का संचालन करने वाली संस्था गांधी स्मारक निधि के सचिव आनंद शरण की शिकायत पर सैक्टर-17 (सैंट्रल) थाना पुलिस ने गांधी स्मारक भवन के पूर्व निदेशक देवराज त्यागी, पत्रकार भूपिंदर शर्मा, नरेश शर्मा, ईश्वर अग्रवाल, योगेश बहल, देवराज त्यागी की पत्नी कंचन त्यागी उनके पुत्र मुदित त्यागी, बहू अक्षा रैना, आनंद राव, पापिय चक्रवर्ती, विक्की, अमित कुमार, मोहिंदर, रमा देवी व एम.पी. डोगरा पर केस आई.पी.सी. की धारा 419, 420, 458, 467, 468, 471 व 120-बी के तहत मामला दर्ज किया है।

प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को दी गई शिकायत में बताया था कि देवराज त्यागी गांधी स्मारक निधि में निदेशक के पद पर तैनात थे। पिछले साल वह सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन 1 मई, 2022 से 26 मार्च बताया गया है। 2023 तक के लिए उन्हें अनुबंध के आधार पर पुन: नियुक्ति दे दी गई थी। इसी बीच गांधी स्मारक निधि को उनके गैर कानूनी गतिविधियों की जानकारी मिली, जिसके बाद मामले की जांच कराई गई। जांच में आरोप सही पाए गए और देवराज त्यागी की सेवाओं को 16 अक्तूबर, 2022 को समाप्त कर दिया गया।

आरोप है कि देवराज त्यागी ने गांधी जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया और अनधिकृत ट्रस्ट के नाम पर स्पॉन्सरशिप के जरिए पैसे जुटाए। कार्यक्रम में कई नामी लोगों को बुलाया। जांच में यह भी सामने आया कि गांधी भवन के नाम पर कई संस्थाएं अपनी हरकतों से बाज नहीं आई और पंजीकृत की गई हैं।

आरोप है कि देवराज त्यागी ने पिछले साल सितंबर माह में गांधी स्मारक निधि भवन नामक ट्रस्ट पंजीकृत करवा लिया और मालिक होने की दावेदारी कर दी। संस्थान के प्रबंधकों को इस बारे सूचना मिली तो उन्होंने चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित से शिकायत की। यह भी कहा गया कि त्यागी गैरकानूनी तरीके से सैक्टर-16 के गांधी भवन में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। वह इसे अपनी प्रॉपर्टी बताते हैं।

आनंद शरण ने बताया कि कई बार देवराज त्यागी गैरकानूनी गतिविधियों में पकड़े गए हैं और उन्होंने माफी भी मांगी है। संस्थान ने उन्हें माफ कर दिया, लेकिन वह लगातार गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे। उन्होंने गांधी भवन पर कब्जा करने की कोशिश की और इसमें उनके परिवार व अन्य लोगों ने पूरा साथ दिया। बता दें कि इस मामले में प्रशासन ने पुलिस से पूरी जांच के आदेश दिए थे। पूरी जांच के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।

- विज्ञापन -

Latest News