China-India मीडिया व थिंक टैंक मंच आयोजित

19 जनवरी को चीनी विदेशी भाषाएं प्रकाशन प्राधिकरण (सीआईसीजी)केमध्य व पूर्वी यूरोप और मध्य व दक्षिण एशिया प्रचार केंद्र के तत्वावधान और युन्नान प्रांत की सामाजिक विज्ञान अकादमी तथा भारत के केरल विश्वविद्यालय के चीन अनुसंधान केंद्र व राजनीति विभाग की सहायता में चीन-भारत मीडिया व थिंक टैंक मंच आनलाइन तथा आफलाइनमाध्यम से आयोजित हुआ।.

19 जनवरी को चीनी विदेशी भाषाएं प्रकाशन प्राधिकरण (सीआईसीजी)केमध्य व पूर्वी यूरोप और मध्य व दक्षिण एशिया प्रचार केंद्र के तत्वावधान और युन्नान प्रांत की सामाजिक विज्ञान अकादमी तथा भारत के केरल विश्वविद्यालय के चीन अनुसंधान केंद्र व राजनीति विभाग की सहायता में चीन-भारत मीडिया व थिंक टैंक मंच आनलाइन तथा आफलाइनमाध्यम से आयोजित हुआ।

सीआईसीजी के मध्य व पूर्वी यूरोप और मध्य व दक्षिण एशिया प्रचार केंद्र के निदेशक च्यांगयोंगकान ने बताया कि अहम विकासशील देश और नवोदित बाजार देश के नाते चीन और भारत विश्व के बहुध्रुवीकरण में महत्वपूर्ण शक्ति हैं ।नयी स्थिति के सामने दोनों देशों को रणनीतिक सहयोग मजबूत करना चाहिए ताकि वैश्विक स्थिरता व विकास की सुरक्षा की जाए।

नये दक्षिण एशिया मंच के स्थापक सुधींद्रकुल्कर्णी ने बताया कि वैश्वीकरण अपरिहार्य है ।कई प्रतिकूल बाहरी तत्वों के बावजूद पिछले साल चीन और भारत का व्यापार 1 खरब 35 अरब 90 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है ,जो नया ऐतिहासिक रिकार्ड है ।भविष्य में दोनों देशों को मीडिया ,थिंकथैंक ,सांस्कृतिक आदान प्रदान में सहयोग चलाकर दोनों देशों की जनता का दिल करीब लाना चाहिए।

फुतानविश्वविद्यालय के मशहूर अनुसंधानकर्ता लिनमिनवांग के विचार में जनता के कल्याण को चीन भारत संबंधों में बुनियादी प्रस्ताव बिंदु होनी चाहिए ।चीन-भारत संबंध वर्तमान में कुछ कठिनाइयों का सामना कर रहा है ।मीडिया को अपनी जिम्मेदारी उठाकर अधिक वस्तुगत व निष्पक्ष रूप से रिपोर्ट करनी चाहिए ।दोनों देशों की जनता को पुराने थिंकिंगढांचे से निकल कर विकास की दृष्टि से एक दूसरे को पहचानना और समझना चाहिए।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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