प्रदूषण समस्या दूर करने के लिए मिलकर करने होंगे प्रयास: MP Deepender Hooda

जींद: सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज जींद जिला बार एसोसिएशन के तत्त्वावधान में आयोजित ‘पर्यावरण विधि एवं युवाओ की भागीदारी’ विषयक संगोष्ठी में पहुंचे। इस दौरान जींद जिला बार एसोसिएशन द्वारा दीपेन्द्र हुड्डा को ‘आजीवन सदस्य’ मनोनीत किया गया। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण के विषय को बेहद महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि प्रदूषण की समस्या दूर करने.

जींद: सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज जींद जिला बार एसोसिएशन के तत्त्वावधान में आयोजित ‘पर्यावरण विधि एवं युवाओ की भागीदारी’ विषयक संगोष्ठी में पहुंचे। इस दौरान जींद जिला बार एसोसिएशन द्वारा दीपेन्द्र हुड्डा को ‘आजीवन सदस्य’ मनोनीत किया गया। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण के विषय को बेहद महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि प्रदूषण की समस्या दूर करने के लिये दलगत राजनीति से हटकर मिलकर प्रयास करने होंगे और सरकार को योजनाओं के साथ धन भी देना होगा।

दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि संसद में उन्होंने वर्ष 2018 में ‘राइट टू क्लीन एयर’ पर प्राईवेट मेंबर बिल भी पेश किया था। जिसके बाद 2019 में सरकार ने इस बिल में से कुछ चीजों को लेकर एक नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम बनाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के तहत सड़कें, रेल, कॉलेज आदि के प्रोजेक्ट मिलते हैं और फंड भी मिलता है। इसी प्रकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए भी योजनाएं मिलनी चाहिए जिसमें पर्याप्त फंड की व्यवस्था हो। जब तक ये नहीं होगा, प्रदूषण नियंत्रण धरातल पर आगे नहीं बढ़ेगा। जींद जिला बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में नेशनल ग्रीन ट्राईब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने भी शिरकत की।

उन्होंने वायु प्रदूषण का ठीकरा किसानों पर फोड़ने की कोशिशों को गलत बताते हुए कहा कि वायु प्रदूषण में पराली या कचरा जलने का 15 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा नहीं है। वहीं, वाहनों से प्रदूषण 17-18 प्रतिशत है। निर्माण जनित धूल, सड़कों के किनारे उड़ने वाली धूल का प्रतिशत 50 के आस पास है। प्रदूषण का कोई एक कारण नहीं है बल्कि सारी चीजें मिलाकर प्रदूषण की समस्या विकट हो रही है। हम अगर दुनिया के इतिहास से सीखें तो वहां बहुत से ऐसे उदाहरण हैं जहां प्रदूषण की समस्या विकराल थी लेकिन सरकारों ने प्रयास कर इसका निदान किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि लंदन और मैक्सिको शहर दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहर माने जाते थे, आज दोनों शहर दुनिया के स्वच्छ शहरों में गिने जाते हैं। प्रदूषण नियंत्रण के लिये सरकार को कहीं कानून के जरिये सख्त कदम उठाने होंगे, लेकिन जहां लोग सक्षम नहीं हैं वहाँ सब्सिडी आदि के जरिये लोगों को सक्षम बनाकर संतुलन बनाने की जरुरत है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि आज सभी जानते हैं कि वायु प्रदूषण आज हमारे देश के लिये खासतौर पर एनसीआर के लिये कितनी बड़ी चुनौती है। एक आकलन ये है कि दुनिया के 30 सबसे अधिक वायु प्रदूषित शहरों में से 21 हिन्दुस्तान में हैं और सबसे ज्यादा वायु प्रदूषित दिल्ली है। जींद और रोहतक में वायु प्रदूषण के स्तर में दिल्ली से ज्यादा अंतर नहीं है। अभी दिल्ली में एक्यूआई लेवल 343 है और जींद व रोहतक में एक्यूआई लेवल 200 के आस-पास है जो संतोषजनक स्तर से दोगुना ज्यादा है और डब्लूएचओ के स्टैंडर्ड के मुताबिक हेल्दी लेवल से 5 गुना ज्यादा प्रदूषण यहां है। यही कारण है कि आज हिंदुस्तान में धूम्रपान से ज्यादा वायु प्रदूषण से सेहत को नुकसान होता है। समय से पहले हर 4 में 1 मृत्यु का कहीं न कहीं एक कारण वायु प्रदूषण माना जा रहा है।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि वर्ष 2018 में उन्होंने इस मसले पर रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन ऑडिटोरियम की रणबीर सिंह चेयर द्वारा चौधरी रणबीर सिंह स्मारक व्याख्यान आयोजित कराया था। इस व्याख्यान में प्रख्यात अर्थशास्त्री और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (ईपीआईसी) के निदेशक माइकल ग्रीनस्टोन ने कहा था कि अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों के हिसाब से हवा की गुणवत्ता को बनाये रखा जाए तो लोग आठ साल ज्यादा जिंदगी गुजार सकते हैं।

इस अवसर पर विधायक सुभाष गांगोली, पंजाब व हरियाणा बार काउंसिल के चेयरपर्सन सुवीर सिंधु, डीसी जींद मनोज कुमार, एसपी जींद नरेंदर बिरजानिया, पूर्व विधायक परमिंदर ढुल, पूर्व विधायक रणधीर धीरा, पूर्व विधायक भरत सिंह छोक्कर, अध्यक्ष बार एसोसिएशन जींद देवेंदर लोहान, अध्यक्ष बार एसोसिएशन नरवाना नवीन चोपड़ा, अध्यक्ष बार एसोसिएशन सफीदों गुरजंत सिंह, सचिव बार एसोसिएशन जींद विनोद सिंह टिंडोल, उपाध्यक्ष बार एसोसिएशन जींद संदीप मोटसरे, उप-सचिव बार एसोसिएशन जींद हंसराज कुंडु सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता एवं स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद रहे।

- विज्ञापन -

Latest News