गुरु रविदास जी एक समुदाय और एक जाति के नहीं समूचे देश के गुरु : Rajendra Arlekar

ऊना : नगर परिषद संतोषगढ़ में 21-22 जनवरी श्री गुरु रविदास जोड़ मेले के दूसरे एवं अंतिम दिन रविवार दोपहर के समय राज्यपाल राजेंद्र विश्व नाथ आर्लेकर ने मुख्य रूप से शिरकत की हैं। जोड़ मेला कमेटी और गुरु रविदास धार्मिक सभा ने राज्यपाल को फूल भेंट कर ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। उन्होंने.

ऊना : नगर परिषद संतोषगढ़ में 21-22 जनवरी श्री गुरु रविदास जोड़ मेले के दूसरे एवं अंतिम दिन रविवार दोपहर के समय राज्यपाल राजेंद्र विश्व नाथ आर्लेकर ने मुख्य रूप से शिरकत की हैं। जोड़ मेला कमेटी और गुरु रविदास धार्मिक सभा ने राज्यपाल को फूल भेंट कर ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। उन्होंने गुरु रविदास महाराज के मंदिर में प्रतिमा के आगे माथा टेक आशीर्वाद भी लिया और युवाओं द्वारा सर्वधर्म सद्भाव को दर्शाती हुई प्रदर्शनी को निहारा। उन्होंने जोड़ मेला के संस्थापक एवं गढ़शंकर के पूर्व विधायक शिंगारा राम सहूंगड़ा के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। मंदिर के लिए उनकी ओर से किये गए संघर्ष को भी याद किया। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि 21 व 22 जनवरी जोड़ मेला ऐतिहासिक है जोड़ मेला है। इसके संघर्ष का इतिहास है, मेरा सौभाग्य है कि यहां आकर मंदिर और गुरु महाराज की प्रतिमा के लिए संघर्ष करने वाले महिला और पुरुषों सहित अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले महान क्रांतिकारी शिंगारा राम सहूंगड़ा के परिवार को सम्मानित कर रहा हूं। यह अपने आप में बड़ा एतिहासिक क्षण है। इसे लिखना चाहिए, पुस्तक के रूप में इसे बाहर आना चाहिए। ताकि आने वाली पीढ़ियों को इसका पता चले। जो जानते हैं इसें लिखें ताकि आने वाली पीढ़ी इसे समझे।

आर्लेकर ने कहा गुरु रविदास जी महाराज एक समुदाय और एक जाति के गुरु नहीं हैं ऐसा समझना मूर्खता होगी। वह सर्व समाज के गुरु हैं। चाहे बाबा साहब आम्बेडकर हों या गुरु रविदास उन्होंने जो किया समूचे समाज और मानवता के लिए किया। समाज में भेद करने वाले लोग द्रोही होते हैं। सब के लिए गुरु रविदास जी की सीख इक्कठा रहकर प्रगति की ओर लेकर जाती है।

इससे पूर्व जोड़ मेला कमेटी के चैयरमैन बलवंत सिंह, संयोजक बलवीर बग्गा, अध्यक्ष अश्वनी दगोड़, गुरु रविदास सभा के प्रधान बलवीर सिंह, कुंवर जगवीर सिंह सिधु, सुमन कुमारी ने शाल टोपी और गुरु रविदास महाराज का चित्र देकर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को सम्मानित किया। जबकि राज्यपाल ने सहूंगड़ा परिवार को भी सम्मानित कर उनके परिवार का हौसला बढ़ाया। आयोजन में स्थानीय विधायक सतपाल सत्ती, समता आंदोलन हिमाचल पंजाब के अध्यक्ष डॉ केआर आर्य, जिला परिषद अध्यक्ष नीलम कुमारी, नगर परिषद अध्यक्ष निर्मला देवी, अम्बेडकर वेलफ़ेयर सोसाइटी के प्रधान सुरिन्द्र बस्सी ने भी राज्यपाल को सम्मानित किया।

संतोषगढ़ गुरु रविदास मंदिर 2005 में हुए मंदिर प्रकरण में शामिल विभिन्न गांवों के महिला एवं पुरुषों को भी राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सिरोपा देकर सम्मानित किया। उनके संघर्ष को अद्वितीय बताया। इस दौरान ऑल इंडिया आदि धर्म राष्ट्रीय प्रधान सन्त सतविंदर हीरा, आदि धर्म गुरु सन्त सरवन दास, प्रधान खुरालगढ़ साहिब सन्त सुरिंदर दास ने भी क्रांतिकारी महिला एवं पुरुषों को सिरोपा देकर सम्मानित किया। इसके आलावा सलोह गांव से संबंधित शारीरिक रूप से दिव्यांग लेखक साहित्यकार सुभाष पारस को भी उन्होंने सम्मानित किया । सुभाष पारस ने उनके समक्ष इलेक्ट्रिक व्हील चेयर की मांग रखी। जिसे राज्यपाल ने पूरा करने का आश्वासन दिया।

डीसी ऊना राघव शर्मा , एएसपी ऊना प्रवीण धीमान, दलित नेता रवि दलित , पूर्व विधायक सतपाल रायजादा के बेटे अभय रायजादा, दलित नेता रवि दलित, गुरु रविदास धर्मिक सभा के वरिष्ठ उपप्रधान कश्मीरी लाल सिंघा , उपप्रधान अमरजीत सिंघा , महासचिव महे ,बचन चंद पटेल , राज महे , स्वामी फिलिंग स्टेशन से कृष्ण चंद, सुरेश कुमार, अभिनव, संजय भाटिया, शिव राम भाटिया, रामदास भाटिया, लव प्रीत सिंह, बिट्टू, लवली दगोड़ आदि सहित पंजाब व जिला के अनेक श्रद्धालुओं सहित विभिन्न गुरु रविदास सभाओ के प्रधान व पदाधिकारियों ने उपस्थिति दर्ज कराई।

 

 

 

- विज्ञापन -

Latest News