Breaking: किसानों का रुख मिल की तरफ हुआ शुरू, विरोध के बावजूद किसानों ने मिलों में पहुंचाया गन्ना

हरियाणा:  गन्ने के रेट को 362 रुपए से बढाकर 450 रुपए करने को लेकर तमाम यूनियन सरकार के विरोध में गन्ना मिलो को बंद कर अंदोलन पर बैठ गई थी लेकिन हरियाणा के मुख्यामंत्री द्वारा गन्ने के रेट में 10 रुपए का इजाफा करने के बाद यूनियन और किसानों के बीच दरार बढती हुई नजर.

हरियाणा:  गन्ने के रेट को 362 रुपए से बढाकर 450 रुपए करने को लेकर तमाम यूनियन सरकार के विरोध में गन्ना मिलो को बंद कर अंदोलन पर बैठ गई थी लेकिन हरियाणा के मुख्यामंत्री द्वारा गन्ने के रेट में 10 रुपए का इजाफा करने के बाद यूनियन और किसानों के बीच दरार बढती हुई नजर आई यहा यूनियन के लोगो ने सरकार के इस फैंसले का विरोध किया तो वही किसान गन्ने से भरी हुई ट्रालियों को लेकर मिल में पहुंच गए

हरियाणा में गन्ने के रेट में बढोतरी को लेकर बीकेयु के दोनो गुट और भारतीय किसान संघ एक जुट होकर सरकार के खिलाफ बडा अंदोलन छेडने को लेकर कई दिनों से हरियाणा की तमाम शुगर मीलों को बंद कर धरने पर बैठ गए थे। ऐसे में अगर कोई गन्ना लेकर किसान मिल में आता तो उसे यूनियन बैरंग लौटा देती ऐसे में पिछले एक सप्ताह से किसानों के खातों में गन्ने से भरी हुई ट्रालियां खडी थी और किसान सरकार और यूनियन की लडाई में पिस्ता हुआ नजर आ रहा था। सरकार गन्ने के भाव को 450 रुपए करना नहीं चाहती थी तो वहीं यूनियन सरकार पर दवाब डाल रही थी शुगर मिलेे बंद थी और किसान परेशान ऐसे में किसानों का गन्ना भी खडा-खडा सूख रहा था। सरकार ने 25 जनवरी को ऐलान कर दिया कि गन्ने के भाव में सरकार 10 रुपए बढोतरी दे रही है यानी गन्ना पहले यहा 362 रुपए था उसे बढाकर 372 रुपए कर दिया जिस पर फिर से किसानों का गुस्सा फूट पडा और पूरे हरियाणा में सरकार के खिलाफ किसान यूनियन सड़कों पर उतर आई थी।

एक तरफ सभी यूनियन सरकार के इस फैंसले से नाराज थी लेकिन जिन किसानों का गन्ना खेत में पडा-पडा सूख रहा था उन किसानों ने सरकार द्वारा गन्ने के रेट में दस रुपए बढाते ही 26 जनवरी की शाम को ही गन्ना मिल में ले जाने के लिए ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर चल पडे। हालांकि शुरुआत में यमुनानगर के गन्ना यार्ड में यूनियन के लोगों ने गन्ने से भरी कुछ ट्रालियों को वापिस भी लौटा दिया लेकिन रात होते-होते मिल में कई ट्रालियां पहुंच गई जिसके बाद मिल भी शुरू हो गया और गन्ना पीराई के लिए शुरू हो गया। एक तरफ किसान मिल में गन्ना लेकर पहुंच गए तो दूसरी तरफ किसान यूनियन के नेता वीडियों वायरल कर यही कहते रहे कि मिल शुरू नहीं हुआ और किसानों को मिल प्रशासन बेवकूफ बना रहा है और ऐसे में किसान नेता मिल और प्रशासन को चेतावनी भी देते हुए नजर आए लेकिन जिन किसानों का गन्ना खेत में सूख रहा था उन्होंने मिल के शुरू होते ही राहत की सांस ली भले ही वह दस रुपए बढाने से खुश नहीं हुए लेकिन वह अपना गन्ना लेकर मिल में जरूर पहुंच गए।

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