आज बजट होगा पेश: नौकरीपेशा को आयकर व आम लोगों को महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश करेंगी क्योंकि अगले वर्ष आम चुनाव के कारण अंतरिम बजट पेश होगा। वर्तमान सरकार के इस अंतिम पूर्ण बजट से न सिर्फ नौकरीपेशा लोगों बल्कि आम लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। विश्लेषकों का कहना है कि सरकार.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश करेंगी क्योंकि अगले वर्ष आम चुनाव के कारण अंतरिम बजट पेश होगा। वर्तमान सरकार के इस अंतिम पूर्ण बजट से न सिर्फ नौकरीपेशा लोगों बल्कि आम लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। विश्लेषकों का कहना है कि सरकार इस बजट में नौकरीपेशा लोगों को आयकर में राहत दे सकती है क्योंकि सरकार के सकल राजस्व में बढ़ौतरी का रुख बना हुआ है। जीएसटी राजस्व संग्रह भी लक्षित दिशा में आगे बढ़ रहा है और आयकर संग्रह भी उम्मीद के अनुरूप है। उनका कहना है कि इसके साथ ही महंगाई से परेशान आम लोगों को भी राहत मिलने की संभावना है क्योंकि अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर यह चुनावी बजट भी हो सकता है।

उम्मीद की जा रही है कि सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी और कर लाभ के रूप में आम लोगों के लिए कुछ राहत की घोषणा करेगी। सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि सरकार अपने खर्च की योजना कैसे बनाती है। साथ ही इसके जरिए राजकोषीय घाटे और मुद्रास्फीति को कैसे नियंत्रित करती है। सरकार यदि पूंजी और राजस्व व्यय पर अपेक्षा से अधिक व्यय करती है, तो इससे राजकोषीय घाटा बढ़ने की संभावना है। इसके परिणामस्वरूप सरकार को उच्च बाजार से उधार लेना पड़ेगा, जिसकी वजह से ब्याज दरों पर दबाव पड़ेगा और मुद्रास्फीति की दर बढ़ने की आशंका और प्रबल हो जाएगी।

गोल्डमैन सैच ग्रुप ने कहा है कि भारत अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में 50 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। गोल्डमैन के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में लिखा है कि नए वित्तीय वर्ष में भारत अपने राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के सापेक्ष 5.9 प्रतिशत तक बनाए रख सकता है। अर्थशास्त्रियों को लग रहा है कि केंद्र सरकार पूंजीगत व्यय को बनाए रखते हुए कल्याणकारी खर्च में वृद्धि करेगी। इसके अलावा अर्थशास्त्रियों के मुताबिक ग्रामीण रोजगार और आवास योजनाओं पर भी अधिक ध्यान केंद्रित होने की संभावना है।

आयकर छूट की सीमा बढ़कर 5 लाख रुपए किए जाने की उम्मीद
मौजूदा टैक्स स्लैब में व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए 2.50 लाख रुपए की मूल छूट सीमा है, जिसे 2014-15 से नहीं बदला गया है। इसका मतलब है कि इस सीमा से कम आय वाले व्यक्तियों को आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है। अगले साल आम चुनाव के मद्देनजर अब बजट में आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किए जाने की उम्मीद है। करदाताओं को यह भी उम्मीद है कि सरकार मानक कटौती को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर सकती है।

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