भैरव बाबा की यहां हैं अनोखी प्रतिमा, जहां मूर्ति से अपने आप बहने लगते है आंसू

कांगड़ाः भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका रहस्य आज भी लोगों के लिए एक अनसुलझा राज है। आज हम आपकाे एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर अपने भक्तों पर कष्ट आने पर खुद भगवान राेते हैं। भैरव बाबा की यह अनोखी प्रतिमा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में.

कांगड़ाः भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका रहस्य आज भी लोगों के लिए एक अनसुलझा राज है। आज हम आपकाे एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर अपने भक्तों पर कष्ट आने पर खुद भगवान राेते हैं। भैरव बाबा की यह अनोखी प्रतिमा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में स्थाहपित बज्रेश्वनरी देवी के मंदिर में स्थापित है। यह माता सती का अद्भुत मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा कराया गया था। यह देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक है, क्योंकि यहां देवी का बायां वक्ष इसी स्थान पर आकर गिरा था, तब से देवी के शक्तिपीठ के रूप में इसे स्वीकार किया गया। इस मंदिर को कई बार विदेशी आक्रमणकारियों ने लूटने की कोशिश की थी।

आपको बता दें कि इस मंदिर में देवी की प्रतिमा एक पिंडी के रूप में है। इसी पिंडी के साथ ही भगवान भैरव की एक चमत्कारिक मूर्ति है, जिसमें यह दावा किया जाता है कि जब भी कोई मुसीबत मंदिर में आने वाली होती है, तो इस चमत्कारिक मूर्ति से अपने आप ही आंसू व पसीने की धार बहने लग जाती है। स्थानीय लोगों की मानें तो उन्होंने यह चमत्कार कई बार देखा है। कहा जाता है कि 1976-77 में ऐसे ही इस मूर्ति से आंसू की धारा बहने लगी, जिसके बाद कांगड़ा बाजार में भीषण अग्निकांड हुआ था। इससे कई दुकानें जल गई थीं और काफी नुकसान हुआ था। इसके बाद से हर साल नवंबर और दिसंबर के महीने के मध्यं में यहां कांगड़ा जयंती मनाई जाती है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि उस दौरान विशेष पूजा और हवन किया जाता है।

बज्रेश्वंरी देवी मंदिर में स्था पित भैरव बाबा की प्रतिमा के बारे में बताया जाता है कि यह प्रतिमा 5 हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि जब भी उन्हें प्रतिमा से आंसू गिरते हुए दिखते हैं ताे वह भक्तों के संकट काटने के लिए प्रभु की विशेष पूजा-अर्चना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा हवन भी किया जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भैरव बाबा भक्तों पर आने वाले संकट को टाल देते हैं। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।

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