हिमाचल में निवेश ब्यूरो की स्थापना की जाएगी: मंत्री हर्षवर्धन चौहान

शिमला: हिमाचल प्रदेश के उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में निवेश को आकर्षित करना सरकार की प्राथमिकता है और इसलिए राज्य में निवेश ब्यूरो की स्थापना की जाएगी। उद्योग मंत्री मंगलवार को पांवटा में चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में निवेश को आकर्षित करना सरकार की प्राथमिकता है और इसलिए राज्य में निवेश ब्यूरो की स्थापना की जाएगी। उद्योग मंत्री मंगलवार को पांवटा में चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि धारा-118 में ज्यादा छेड़छाड़ संभव नहीं है, लेकिन विभिन्न प्रकार के एनओसी व स्वीकृतियां समयबद्ध प्रदान की जाएंगी। उन्होंने चैंबर से पांवटा साहिब में लंबित मामलों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि कंपनी स्थापित करने के लिए जिला स्तर पर फाइल क्लीयर होगी और सीधे मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी, जिसे समयबद्ध क्लीयर कर दिया जाएगा।

चौहान ने कहा कि पुराने उद्योगों को निरंतर क्रियाशील रखने के लिए वन टाइम सेटलमेंट किया जाएगा, जिससे उद्योग प्रोत्साहित होंगे। हालांकि नये उद्योगों को भी आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हरित राज्य ऊर्जा की ओर बढ़ रही है। सरकारी वाहन आगामी तीन सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील कर दिए जाएंगे। चैंबर ने पांवटा साहिब अस्पताल के लिए एक्स-रे मशीन प्रदान करने की घोषणा की। उद्योग मंत्री ने कहा कि नये औद्योगिक केंद्र जिला में स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन पुराने उद्योगों को विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। विद्युत आपूर्ति की गुणता तथा ट्रि¨पग की समस्या पर उद्योग मंत्री ने विद्युत बोर्ड को निर्देश दिए कि 132 केवी सब स्टेशन की शीघ्र स्थापना की जाए।

चौहान ने कहा कि उद्योगों की अधोसंरचना व कनेक्टिविटी जरुरी है, सरकार इस पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि निवेश ब्यूरो के सीईओ के अधीन विभिन्न विभागों को लेकर हरेक एनओसी व स्वीकृतियां सीईओ स्तर पर ही अविलंब प्राप्त करने की सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब चैंबर प्राथमिकताएं बताएं, दो करोड़ रुपये तक के इंसेटिव जल्द उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। उन्होंने विभागों को उद्योगों से सम्बन्धित एनओसी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधिकारियों को राष्ट्रीय उच्च मार्ग 707 की हालत सुधारने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की रवैया जनता के प्रति नर्म तथा संवेदनशील होना चाहिए। चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज पांवटा साहिब के अध्यक्ष सतीश कुमार गोयल ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत करते हुए उद्योगपतियों को पेश आ रही विभिन्न समस्याएं उद्योग मंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि धारा 118 उद्योग विस्तार के लिए बड़ी बाधा है, और करीब 250 करोड़ रुपये का निवेश इसी वजह से रुका हुआ है।

उन्होंने कहा कि कंपनी का नाम बदलना भी धारा-118 में आता है और कंपनी में मालिक बदलने पर भी पुन: 118 के तहत स्वीकृतियां दोबारा लेनी पड़ती हैं। कंपनी मालिकों को आवासीय समस्या भी रहती है, जमीन कंपनी के नाम न होने पर बैंक से ऋण भी नहीं मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कंपनी में कोई भी बदलाव होता है तो धारा 118 के चलते पंजीकरण शुल्क भी दोबारा से लगता है। उन्होंने कहा कि मैनकाइंड का आयुर्वेद सम्बन्धी 1900 करोड़ रुपए का निवेश भी स्वीकृतियों के बिना रुका है। सतीश गोयल ने कहा कि पांवटा चैंबर्स ऑफ कॉमर्स को बने 50 साल हो गए हैं, और हिमाचल का सबसे पुराना चैंबर है। पिछले कई सालों से यह चैंबर उपेक्षित रहा है।

 

 

 

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