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मुद्रास्फीति में कमी, उत्पादन में वृद्धि से November में देश में मजबूत रहीं विनिर्माण गतिविधियां

मांग में जुझारूपन तथा लागत के दबाव में कमी आने से नए ऑर्डर की संख्या बढ़ी तथा निर्यात में वृद्धि हुई जिससे भारत में विनिर्माण गतिविधियां नवंबर में तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। एक मासिक सर्वेक्षण में बृहस्पतिवार को यह बात कही गई। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद.

मांग में जुझारूपन तथा लागत के दबाव में कमी आने से नए ऑर्डर की संख्या बढ़ी तथा निर्यात में वृद्धि हुई जिससे भारत में विनिर्माण गतिविधियां नवंबर में तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। एक मासिक सर्वेक्षण में बृहस्पतिवार को यह बात कही गई। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अक्टूबर के 55.3 से बढक़र नवंबर में 55.7 हो गया जो तीन महीनों के दौरान परिचालन परिस्थितियों में मजबूत सुधार दर्शाता है।

नवंबर के पीएमआई आंकड़ों के साथ ही लगातार 17वें महीने में समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार देखने को मिला। पीएमआई की भाषा में 50 से अधिक अंक का अर्थ है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, जबकि 50 से कम अंक संकुचन को दर्शाते हैं। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पोल्याना डी लीमा ने कहा, ‘‘यह अच्छे उत्पादकों के लिए सामान्य बात थी जिन्होंने मांग में जुझारूपन के स्पष्ट रूझान को देखते हुए तीन महीनों के दौरान उत्पादन को काफी बढ़ा लिया। हालिया महीने में नए ऑर्डर की संख्या बढ़ी तथा निर्यात में विस्तार हुआ है।’’

इसके अलावा कंपनियां भी वृद्धि की संभावनाओं को लेकर काफी आश्वस्त हैं। लीमा ने बताया कि सर्वे में शामिल प्रतिभागियों ने इस बारे में मजबूत भरोसा जताया कि उनके उत्पादों की मांग में तेजी बनी रहेगी तथा 2023 में उत्पादन बढ़ाने की उनकी क्षमता भी अच्छी रहेगी। नवंबर में सकारात्मक धारणा का जो स्तर देखा गया है वह करीब आठ वर्षों में सबसे अच्छा है। कीमतों के लिहाज से देखा जाए तो लागत से जुड़ी मुद्रास्फीति 28 महीनों में सबसे कमजोर रही जबकि दाम फरवरी के बाद से सबसे कम गति से बढ़े हैं। वहीं रोजगार की दृष्टि से भी नवंबर अच्छा महीना रहा जब लगातार नौंवे महीने रोजगार में मजबूत वृद्धि देखी गई।

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