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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114लखनऊः उत्तर प्रदेश में ‘बॉलीवुड का बहिष्कार’ करने के लिए भगवा रंग के पीछे छुपे कई सारे ‘अज्ञात फ्रिंज आउटफिट्स’ ने इस साल नया मुद्दा बनाकर अपना खेल खेला। इसमें सिनेमा जगत के कई सारे सितारों को अपना निशाना भी बनाया गया और फिल्मों के बहिष्कार को लेकर अपनी राय सामने रखी। सबसे पहले बात आती है बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की। दरअसल वाराणसी में सनातन रक्षा सेना को अचानक इस बात की भनक लगी कि अभिनेता आमिर खान ने 2014 में रिलीज हुई अपनी फिल्म ‘पीके’ में हिंदू देवी-देवताओं का मजाक बनाया था। इसी के चलते आठ सालों बाद सनातन रक्षक सेना ने फिल्म रिलीज होने से पहले ही आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ का बहिष्कार करने की घोषणा की।
फिर इनके निशाने पर आए अभिनेता रणबीर कपूर। सितंबर में, राष्ट्रीय हिंदू परिषद नामक एक संगठन ने ‘ब्रrास्त्र’ के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और कहा कि जो लोग सिनेमाघरों में फिल्म देखेंगे, उनका मुंह काला कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पराशर ने कहा कि बहिष्कार का कारण यह था कि रणबीर कपूर ने एक साक्षात्कार में कहा था कि वह बीफ खाते हैं। बयान 2011 में दिया गया था और परिषद 2022 में जागी।
इसके बाद निशाने पर आए अक्षय कुमार, अक्षय कुमार की फिल्म ‘रक्षा बंधन’ को बहिष्कार का सामना करना पड़ा क्योंकि कुछ उत्पाती संगठनों ने फिल्म की लेखिका कनिका ढिल्लन द्वारा की गई ‘हिंदूफोबिक’ टिप्पणी का विरोध किया। हालांकि, बहिष्कार का फिल्म पर कोई असर नहीं पड़ा, जो बॉक्स ऑफिस पर वैसे भी पिट गई। विजय देवरकोंडा की ‘लाइगर’ को हिंदू सेना ने केवल इसलिए बहिष्कार का आह्वान किया क्योंकि इसके प्रमुख अभिनेता ने बहिष्कार की प्रवृत्ति की आलोचना की थी।
इसके बाद अजय देवगन की ‘थैंक गॉड’ आई, जिसमें चित्रगुप्त के चित्रण पर ऐतराज था। चित्रगुप्त महासभा ने फिल्म के बहिष्कार की घोषणा की, जो मीडिया कवरेज के लिए तख्तियां पकड़े कुछ प्रदर्शनकारियों से आगे नहीं बढ़ पाई। इसी बहिष्कार वाली कड़ी में शाहरुख खान की ‘पठान’ भी है जिसके बेशर्म रंग गाने में दीपिका पादुकोण के भगवा स्विमवियर पर हंगामा मच गया। 2018 में बहिष्कार के आह्वान का एकमात्र गंभीर प्रभाव तब पड़ा जब करणी सेना ने संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावती’ का विरोध किया, जिससे उन्हें रिलीज की तारीख को स्थगित करने और फिल्म का नाम बदलकर ‘पद्मावत’ करने के लिए मजबूर होना पड़ा।