1 जनवरी, 2023 को आरसीईपी लागू होने की पहली वर्षगांठ है। एक साल में इस समझौते के कार्यान्वयन से अनगिनत कंपनियों को व्यापार के अवसर प्राप्त हुए हैं। आरसीईपी आसियान द्वारा शुरू किया गया था, और इसके सदस्यों में 10 आसियान देश और चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। यह सबसे बड़ी आबादी और सबसे बड़े आर्थिक और व्यापारिक पैमाने वाला मुक्त व्यापार समझौता है। इसके कार्यान्वयन के बाद से एक साल में 15 आरसीईपी हस्ताक्षरकर्ताओं में से 13 के लिए लागू हो गया है।
वर्तमान में विश्व अर्थव्यवस्था वैश्वीकरण विरोधी और सुस्त सुधार जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। आरसीईपी को “धुंध में प्रकाश की किरण” माना जाता है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देता है। आरसीईपी में चीन का प्रवेश उच्च-स्तरीय खुलेपन को बढ़ावा देने के अपने दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करता है, और चीन के खुलेपन में एक और मील का पत्थर है। आरसीईपी के लिए चीन की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। सबसे बड़े विकासशील देश और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, चीन आरसीईपी में आर्थिक मात्रा का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा रखता है। चीन अपने नए विकास से दुनिया को लगातार नए अवसर प्रदान करता है, और क्षेत्रीय व वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूत जीवन शक्ति डालना जारी रखता है। जनवरी से नवंबर 2022 तक, चीन और अन्य आरसीईपी सदस्य देशों के बीच कुल आयात और निर्यात की मात्रा 118 खरब युआन तक पहुंच गई, जिसमें साल 2021 की समान अवधि की तुलना में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। अमेरिका में पीटरसन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक अनुसंधान संस्थान के अनुमान के अनुसार, साल 2030 तक, आरसीईपी से सदस्य देशों को निर्यात में 519 अरब अमेरिकी डॉलर की शुद्ध वृद्धि होने की उम्मीद है।
चीन के संबंधित संस्थान द्वारा जारी “क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था पर आरसीईपी के प्रभाव के मूल्यांकन पर रिपोर्ट” के अनुसार, आरसीईपी का आसियान देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर सबसे अधिक प्रभाव है। साल 2035 तक, आसियान के समग्र जीडीपी की संचयी वृद्धि दर आरसीईपी द्वारा संचालित 4.47 प्रतिशत बढ़ जाएगी। आसियान प्राकृतिक संसाधन और श्रम आदि पहलुओं में श्रेष्ठता और निहित शक्ति निभाकर अन्य देशों के साथ पूरक लाभों का बेहतर उपयोग करेगा, क्षेत्रीय औद्योगिक श्रृंखला को मजबूत करेगा, इससे वैश्विक आर्थिक बहाली और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, आरसीईपी चीन, जापान और दक्षिण कोरिया द्वारा संयुक्त रूप से भाग लेने वाला पहला मुक्त व्यापार समझौता भी है। यह पूर्वी एशिया के क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण में एक बड़ी प्रगति है और इसने तीनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के विकास को मजबूती से बढ़ावा दिया है। आरसीईपी के और अधिक उच्च-गुणवत्ता वाले कार्यान्वयन के साथ, सभी सदस्य पारस्परिक लाभ और उभय जीत का नया अध्याय जोड़ेगा, और क्षेत्रीय व वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार मजबूत गतिज ऊर्जा संचार करता रहेगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)