भारत में 26 जनवरी को खालिस्तान जनमत संग्रह कराने का एसएफजे के गुरपतवंत पन्नू का सपना विफल हो गया है। बता दें कि भारत से पंजाब के लिए एक अलग राज्य के लिए अभियान चलाने वाला अमेरिका स्थित गर्म सोच वाला समूह सिख फॉर जस्टिस सिखों के असहयोग के कारण 26 जनवरी को पंजाब, हरियाणा, हिमाचल दिल्ली में खालिस्तान जनमत संग्रह कराने में विफल रहा है। पंजाब के सिख संगठनों ने धार्मिक संगठनों के असंवैधानिक जनमत संग्रह से खुद को दूर रखा है और पन्नू को दोतरफा जवाब दिया है। भारत द्वारा प्रतिबंधित संगठन एसएफ के नेता गुरपतवंत ने पंजाब के निवासियों को भारत के गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को पंजाब में जनमत संग्रह के लिए मतदान करने की घोषणा की। लेकिन पंजाब में सिख समुदाय से मदद न मिलने के कारण पन्नू को अपनी ही बातों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है।
भारत में प्रतिबंधित संगठन SFJ के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बयान में घोषणा की कि पंजाब के लोगों को खालिस्तान के सपने को साकार करने के लिए 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर पंजाब में होने वाले जनमत संग्रह के लिए मतदान करना चाहिए। लेकिन पंजाब में सिखों की मदद के अभाव में पन्नू का यह प्हैलान कामयाब होता नहीं दिख रहा। खालिस्तान जनमत संग्रह के लिए समर्थन प्राप्त करने के लिए SFJ ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जैसे सिख संगठनों से मोदी सरकार की मदद करने की बजाय 26 जनवरी 2023 को भारत में जनमत संग्रह के लिए मतदान करने के कहा है लेकिन इस अपील को भारत के पंथक सिख संगठनों और धार्मिक संगठनों ने खारिज कर दिया है।