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मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2021-22 में सहकारी दुग्ध उत्पादकों के खातों में किया गया 3708.76 लाख का भुगतान

2021-22 के दौरान प्रतिदिन दूध की औसत खरीद 515.07 हजार लीटर प्रतिदिन और औसत प्रति लीटर दूध खरीद दर 40.82 रूपये दी गई। “मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना” के अन्तर्गत वर्ष 2021-22 में अप्रैल से सितंबर तक 3708.76 लाख रूपये की राशि का भुगतान सीधे सहकारी दुग्ध उत्पादकों के बैंक खातों में किया जा चुका.

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2021-22 के दौरान प्रतिदिन दूध की औसत खरीद 515.07 हजार लीटर प्रतिदिन और औसत प्रति लीटर दूध खरीद दर 40.82 रूपये दी गई। “मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना” के अन्तर्गत वर्ष 2021-22 में अप्रैल से सितंबर तक 3708.76 लाख रूपये की राशि का भुगतान सीधे सहकारी दुग्ध उत्पादकों के बैंक खातों में किया जा चुका है। 2022-23 के दौरान अप्रैल, 2022 से अक्टूबर, 2022 माह तक प्रतिदिन दूध की औसत खरीद 374.05 रूपये और औसत प्रति लीटर दूध खरीद दर 45.03 रूपये (फैट 5.4% व एसएनएफ 8.5%) दी गई।

“मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना” को वर्ष 2022-23 में (अप्रैल से सितंबर तक) भी लागू किया गया है तथा सहकारी दुग्ध उत्पादकों को भैंस व गाय दोनों के दूध पर 5 रूपये प्रतिलीटर के हिसाब से सब्सीडी की राशि का वितरण सीधे खाते में होगा। वर्ष 2022-23 में इस योजना के अन्तर्गत 4100 लाख रूपये की राशि का वित्तीय प्रावधान किया गया है। अप्रैल 2022 और मई 2022 के 1215.107 लाख रूपये की सब्सिडी और जून 2022 और जुलाई, 2022 माह के 944.80 लाख राज्य सरकार से प्राप्त हो चुके है, जोकि मिल्क प्लाटों द्वारा दुग्ध उत्पादकों के खातों मे जारी कर दी गई है। अगस्त, 2022 और सितंबर, 2022 माह के 1091.396 लाख के सब्सिडी क्लेम राज्य सरकार को भेज दिया गया है। सब्सिडी राशि राज्य सरकार से अभी वांछित है।

दुग्ध उत्पादक समितियों के दुग्ध उत्पादकों के बच्चों के लिए छात्रवृति योजना के अन्तर्गत 1 मार्च, 2015 से 30 नवंबर, 2022 तक लगभग 4850 दुग्ध उत्पादकों के बच्चों 175.020 लाख रूपये की राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी गई है तथा कन्यादान योजना के अन्तर्गत 1 मार्च, 2015 से 30 नवंबर, 2022 तक लगभग 2766 दुग्ध उत्पादकों को उनकी बेटी की शादी पर 30.025 लाख रूपये की राशि का वितरण किया गया है।

दो दुग्ध संयंत्रों के नवीनीकरण/सुधार के लिए, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) ने डेयरी प्रोसेसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (डीआईडीएफ) के तहत मिल्क प्लांट, जींद को 1250 लाख रुपये और मिल्क प्लांट, सिरसा को 572 लाख रुपये मंजूर किए हैं। एनडीडीबी 80% ऋण देगा और 6.50% प्रति वर्ष की दर से ब्याज वसूल करेगा। हरियाणा राज्य सरकार ने ऋण राशि पर 2.5% की दर से ब्याज सबवेंशन स्वीकृत किया है। अंतिम कार्यान्वयन एजेंसी को ब्याज के रूप में केवल 4.0% का भुगतान करना होगा। डेयरी प्रोसेसिंग एवं इन्फ्रास्ट्र्रक्चर डेवल्पमेंट फंड (क्प्क्थ्) के अन्तर्गत 57 लाख रूपये दुग्ध संघ, जीन्द और 14 लाख रूपये दुग्ध संघ, सिरसा को प्राप्त हो गए है।

दुग्ध संयंत्र रोहतक में टैट्रा पैक प्लांट की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए लगभग 127 करोड रूपये का प्रावधान बजट वर्ष 2022-23 में रखा गया है। जिसके लिए लगभग 126 करोड रूपये की क्च्त् (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) एन.डी.डी.बी से प्राप्त हो गई है। सरकार की मंजूरी मांगी गई थी और पीपीपी मोड में इस परियोजना को लागू करने का पता लगाने को कहा गया था। हरियाणा डेयरी विकास सहकारी संघ लिमिटेड पीपीपी मॉडल पर यूएचटी प्लांट लगाने के लिए ईओआई जारी कर दिया है और आरएफक्यू के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

एनसीआर क्षेत्र को कवर करते हुए प्रतिदिन 5 लाख लीटर दूध प्रसंस्करण क्षमता के साथ दक्षिणी हरियाणा में एक नया दूध संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। जिसकी लागत लगभग 200 करोड रूपये होगी। विकास एवं पंचायत महानिदेशक से ग्राम-बिदावास,तहसील-बावल,जिला-रेवाड़ी में जमीन देने की मंजूरी मिल गई है। प्लांट लगाने के लिए एन.डी.डी.बी/एन.सी.डी.सी को लोन देने के लिए आग्रह किया गया है। इसकी रजिस्ट्री हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ लिमिटेड के नाम होने व लोन की राशि प्राप्त होने पर कार्य आरम्भ किया जाएगा।

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