पंजाब जल विनियमन और विकास प्राधिकरण ने भूजल की निकासी और संरक्षण सम्बन्धी निर्देश किए जारी

चंडीगढ़: पंजाब जल विनियमन और विकास प्राधिकरण ने भूजल की निकासी और संरक्षण सम्बन्धत निर्देश जारी किये हैं। प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि जारी निर्देशों में कृषि, पीने और घरेलू उद्देश्यों के लिए भूजल के प्रयोग को शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा सरकारी जल सप्लाई स्कीमों, सैन्य और केंद्रीय अर्धसैनिक प्रतिष्ठानों, शहरी.

चंडीगढ़: पंजाब जल विनियमन और विकास प्राधिकरण ने भूजल की निकासी और संरक्षण सम्बन्धत निर्देश जारी किये हैं। प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि जारी निर्देशों में कृषि, पीने और घरेलू उद्देश्यों के लिए भूजल के प्रयोग को शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा सरकारी जल सप्लाई स्कीमों, सैन्य और केंद्रीय अर्धसैनिक प्रतिष्ठानों, शहरी स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थानों, छावनी बोर्डों, सुधार ट्रस्टों, क्षेत्र विकास प्राधिकरणों और पूजा स्थलों को भी छूट दी गई है। इसमें 300 क्यूबिक मीटर प्रति माह से कम भूजल निकालने वाले सभी प्रयोक्ताओं को भी छूट दी गई है।

प्रवक्ता ने बताया कि उक्त को छोड़ कर बिना छूट वाले सभी प्रयोक्ताओं को भूजल निकालने की इजाज़त लेने के लिए प्राधिकरण को एक अर्जी जमा करवानी पड़ेगी। भूजल के लिए 1 फरवरी 2023 से शुल्क लगेंगे। पंजाब के हरेक ब्लॉक में भूजल की मौजूदा स्थिति के अनुसार खर्चे निर्धारित किए गए हैं। भूजल के खर्चों को तय करने के लिए पंजाब के ब्लॉकों को सालाना भूजल रिचार्ज के मुकाबले सालाना भूजल की निकासी की सीमा के आधार पर तीन ज़ोनों में श्रेणीबद्ध किया गया है। नए निर्देशों सम्बन्धी सारी जानकारी प्राधिकरण की वैबसाईट पर मौजूद है। यह दिशा-निर्देश प्रयोक्ताओं को पानी के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करते हैं। प्राधिकरण सार्वजनिक जल संरक्षण गतिविधियों और अलग-अलग सरकारी विभागों द्वारा लागू किए जाने वाले प्रोजेक्टों के लिए फंड भी देगी।

 

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