पौष्टिक भोजन है स्वस्थ शरीर का रहस्य

आमतौर पर देखा गया है कि इस भागमभाग की दुनिया में व्यक्ति काम में इस कदर रम गया है कि न तो उसे खाने की चिंता है और न ही सोेने की इच्छा। आखिरकार काम तो प्रत्येक व्यक्ति करता है। फिर ऐसे में हम क्यों अपने स्वस्थ शरीर के साथ खिलवाड़ करते हैं। आजकल मैडीकल.

आमतौर पर देखा गया है कि इस भागमभाग की दुनिया में व्यक्ति काम में इस कदर रम गया है कि न तो उसे खाने की चिंता है और न ही सोेने की इच्छा। आखिरकार काम तो प्रत्येक व्यक्ति करता है। फिर ऐसे में हम क्यों अपने स्वस्थ शरीर के साथ खिलवाड़ करते हैं। आजकल मैडीकल स्टोरों में तरह-तरह की औषधियां मिलने लगी हैं जिनसे हम स्वयं के शरीर को बिना खास खाद्य पदार्थ खाए अपनी इच्छानुसार मोटा एवं सुडौल बना सकते हैं लेकिन अधिकांश पाठकों को यह ज्ञात नहीं है कि दवाइयां जितनी महंगी होती हैं उससे भी कहीं अधिक शरीर के लिए नुक्सानदायक साबित होती हैं। परिणामस्वरूप, व्यक्ति का शरीर स्वस्थ होते हुए भी वह इन बेवजह दवाइयों के प्रयोग करने से अस्वस्थ हो जाता है, अत: इस बढ़ती समस्या को देखते हुए प्रसिद्ध चिकित्सकों ने काफी चिंता व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने आजकल के युवाओं से आग्रह किया है कि वे अपनी जिंदगी में से कुछ क्षण निकालकर अपनी बेशकीमती मांसपेशियों में लगाने हेतु कार्य करें। इसके लिए उन्होंने अच्छा भोजन ग्रहण करने की सलाह भी दी है। आशा है कि इन बातों को अमल में लाने के उपरांत आप भी एक स्वस्थ शरीर के मालिक बन जाएंगे। तो शुरू हो जाइये आज से ही इन टिप्स को अपनी निजी जिंदगी में धीरे-धीरे अपनाने के लिए, जो निम्नलिखित हैं:- जहां तक हो सके, उषाकाल के कुछ समय बाद ही भोजन ग्रहण करें और हां, ज्यादा विलम्ब करना भी खतरनाक है इसलिए यदि सुबह ठोस नाश्ता न ले सकें तो कम से कम दो-तीन फलों का सेवन अवश्य कर लें।

भोजन करते समय कच्चा सलाद खा लें क्योंकि इससे शरीर को अतिरिक्त विटामिन तो मिलते ही हैं, साथ ही स्फूर्ति भी प्राप्त होती है। भोजन करने के पहले ही फलों का सेवन करें, ऐसा इसलिए क्योंकि फल एक तेजी से पचने वाला खाद्य है जबकि सामान्य भोजन में होने वाले प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट काफी समय उपरांत पचते हैं। अत: दोनों खाद्यों को एक साथ प्रयोग करने से भोजन ठीक मात्रा में नहीं पचता और व्यक्ति डॉक्टर की तलाश में जुट जाता है। फलों का प्रयोग भोजन करने से काफी पहले या फिर दोभोजनों की अवधि के दौरान करें। बाजारों एवं दुकानों से लाए गए फलों को खाने से पूर्व भली-भाति धो लें क्योंकि इस तरह फलों में घुसे कीट हाथों से रगड़ने के दौरान धोने से निकलकर बाहर हो जाते हैं और फल कीटाणु रहित हो जाता है। आपने देखा होगा कि कभी-कभी कुछ व्यक्ति खाने के तुरंत बाद काम में लग जाते हैं जो सरासर गलत है, अत: खाना खाने के उपरांत भागदौड़ शुरू न करें। इससे किया गया भोजन शरीर को लाभ नहीं पहुंचाता। हां, यदि आप रात के भोजन के बाद कुछ देर तक टहलें तो अवश्य ही फायदेमंद साबित होगा। भोजन करते समय हमेशा ध्यान रखें कि भोजन जल्दी-जल्दी न खायें बल्कि धीरे-धीरे अच्छी तरह चबा कर खायें।

जहां तक हो सके, मुंह में पीस कर पूरी तरह खायें। सही मायनों में भोजन के कुछ पल बाद जल का सेवन करना उचित होता है परन्तु यदि भोजन के मध्य में आवश्यकता महसूस हो तो थोड़ा जल पी सकते हैं। ग्रीष्मकाल में अधिकाधिक जल पिएं क्योंकि अधिक मात्रा में जल लेने से शरीर के विषैले तत्व पसीने के जरिए शरीर से बाहर हो जाते हैं। देखने में आया है कि महानगरों में होटलों एवं छोटी-मोटी दुकानों में अक्सर भोजन में नमक कम और मिर्च अधिक डाली जाती है जिसका शरीर पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है, इसलिए स्मरण रखें कि भोजन में नमक व मिर्च संयमित मात्रा में ही हों। सर्वाधिक ध्यान देने योग्य बात यह है कि अपने आप को डिब्बाबंद और कृत्रिम खाद्यों से दूर रखें। जहां एक ओर ये पचने में भारी होते हैं, वहीं दूसरी तरफ इनमें पौष्टिकता का भी अभाव होता है जो स्वस्थ शरीर के लिए हानिकारक है। यदि आप इन बातों को हमेशा स्मरण रख पालन करते रहेंगे तो अवश्य ही बीमारियां आपसे कोसों दूर रहेंगी और आप भी स्वयं को स्वस्थ शरीर से वंचित नहीं पाएंगे।

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