कश्मीर में मंदिर संपत्तियों के कथित अवैध पट्टे की SIT जांच के आदेश

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर सरकार ने घाटी में मंदिर की संपत्तियों के कथित अवैध पट्टे की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक अधिकारियों ने जिला उपायुक्तों (डीसी) को एक सप्ताह के भीतर एक अद्यतन सूची प्रस्तुत करने के लिए कहा है। संभागीय आयुक्त कश्मीर के.

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर सरकार ने घाटी में मंदिर की संपत्तियों के कथित अवैध पट्टे की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक अधिकारियों ने जिला उपायुक्तों (डीसी) को एक सप्ताह के भीतर एक अद्यतन सूची प्रस्तुत करने के लिए कहा है। संभागीय आयुक्त कश्मीर के कार्यालय ने हाल ही में कश्मीर के सभी दस डीसी को एक पत्र लिखा है, जिसमें ‘घाटी में मंदिर संपत्तियों के अवैध पट्टे और अवैध रुप से इस्तेमाल की जा रही मंदिर संपत्तियों में सांठगांठ की एसआईटी जांच’ का हवाला दिया गया है।

पत्र में उपराज्यपाल सचिवालय के निर्देशों का हवाला देते हुए डीसी से यह पता लगाने को कहा गया है कि क्या उनके जिलों में इस तरह के मामले हैं। इसके अलावा, उपायुक्तों को धार्मिक अल्पसंख्यक संपत्तियों (मंदिर, गुरुद्वारा, अन्य) की अद्यतन सूची को सप्ताह के भीतर सकारात्मक रुप से प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

इस बीच, जम्मू और कश्मीर शांति मंच ने एक बयान में उपराज्यपाल को एसआईटी जांच शुरु करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि पिछले 33 वर्षों से किसी भी सरकार ने कश्मीर के अल्पसंख्यकों की मंदिर संपत्तियों की रक्षा के लिए कोई पहल नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि अदालत के बार-बार के आदेश के बावजूद, मंदिर की संपत्तियों को अवैध रुप से पट्टे पर दिया गया या बेच दिया गया।

शांति मंच ने आरोप लगाया,‘‘घाटी में कश्मीरी पंडित समुदाय की अनुपस्थिति में, कुछ चुनिंदा लोगों ने जम्मू-कश्मीर सरकार के अधिकारियों की मिलीभगत से 1989 से 2022 के बीच निष्क्रिय मंदिर ट्रस्टों का संचालन किया तथा मंदिर संपत्तियों को बेच दिया या पट्टे पर दे दिया।’’

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