जानिए कब है वैशाख की विनायक चतुर्थी और इसकी पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में

इस वर्ष 23 अप्रैल दिन रविवार को विनायक चर्तुथी मनाई जा रही है। हिन्दू धर्म के अनुसार आज के दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है और उनकी पूजा-अर्चना करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। ये त्योहार हर महीने भगवान गणेश जी की अराधना करके मनाया जाता है। माना जाता है कि आज.

इस वर्ष 23 अप्रैल दिन रविवार को विनायक चर्तुथी मनाई जा रही है। हिन्दू धर्म के अनुसार आज के दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है और उनकी पूजा-अर्चना करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। ये त्योहार हर महीने भगवान गणेश जी की अराधना करके मनाया जाता है। माना जाता है कि आज के दिन जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं उनके हर दुख दूर होते हैं। तो आइए जानते है विनायक चतुर्थी का शुभ योग और इसकी पूजा विधि के बारे में:

वैशाख विनायक चतुर्थी 2023 तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 23 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 47 मिनट से हो रहा है और इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 24 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 24 मिनट पर होगी. ऐसे में विनायक चतुर्थी का व्रत 23 अप्रैल दिन रविवार को रखा जाएगा.

विनायक चतुर्थी पूजा मुहूर्त 2023
वैशाख माह के विनायक चतुर्थी व्रत का पूजा मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 01 मिनट से है. इस दिन आप दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक गणेश जी की पूजा कर सकते हैं. विनायक चतुर्थी को पूजा का शुभ मुहूर्त ढाई घंटे से अधिक का है.

3 शुभ योगों में है विनायक चतुर्थी व्रत
इस साल वैशाख की विनायक चतुर्थी 3 शुभ योग में है. विनायक चतुर्थी के दिन रवि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग बन रहे हैं. सौभाग्य योग प्रात:काल से लेकर सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक है. उसके बाद से शोभन योग प्रारंभ है, जो पूरे दिन है.

इनके अलावा रवि योग प्रात: 05 बजकर 48 मिनट से शुरू हो रहा है और देर रात 12 बजकर 27​ मिनट तक है. ये तीनों योग पूजा पाठ और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ हैं. इस दिन का अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है.

विनायक चतुर्थी पर स्वर्ग की भद्रा
विनायक चतुर्थी व्रत के दिन स्वर्ग की भद्रा है. यह रात 08 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ है, जो अगले दिन सुबह 05 बजकर 47 मिनट तक है. इस भद्रा का वास स्वर्ग में है.

विनायक चतुर्थी पर न करें 1 गलती
विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने की गलती न करें. इससे आप पर मिथ्या कलंक लगने का डर रहता है. विनायक चतुर्थी को चन्द्रोदय सुबह 07 बजकर 45 मिनट से होगा और चन्द्रास्त रात 10 बजकर 17 मिनट पर होगा

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