नई दिल्ली : हम क्या, कितनी मात्र में और कब खाते हैं, ये तीनों ही स्थितियां सीधे तौर पर सेहत को प्रभावित करती हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को भोजन की पौष्टिकता का ध्यान रखते हुए सही समय पर भोजन करने पर भी जोर देते हैं। भोजन के सही समय का सीधा असर मेटाबॉलिज्म पर होता है जो पाचन से लेकर शरीर के स्वस्थ वजन तक के लिए आवश्यक है। यदि आप भी देर से भोजन करते हैं, या फिर कई बार एक समय का भोजन नहीं कर पाते हैं, तो इस बारे में गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
सही समय पर भोजन करना जरूरी
अनुसंधानों से पता चलता है, भले ही आप पूर दिन कम कैलोरी का लक्ष्य बनाकर चलते हैं, पर अगर भोजन का समय ठीक नहीं है तो इसके कारण भी कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। हमारे भूख के लिए ग्रेलिन हार्मोन की विशेष भूमिका होती है, यह हार्मोन आपके मस्तिष्क को संकेत देता है कि आपको भूख लगी है और खाने का समय हो गया है। कुछ दिनों तक एक ही समय पर खाने से उसी की आदत होने लगती है और जब हमें देर से खाने की आदत हो जाती है, विशेषकर रात में तो इसका संपूर्ण शरीर पर दुष्प्रभाव हो सकता है।
देर से डिनर करना नुक्सानदायक
जर्नल न्यूट्रिएंट्स में जुलाई 2021 में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि रात में देर से खाना खाने से मेटाबॉलिज्म और ब्लड शुगर दोनों पर नकारात्मक असर हो सकता है। शोधकत्र्ता बताते हैं दिन में देर से खाने की आदत ब्लड ट्राइग्लिसराइड की समस्या को भी बढ़ा देती है जिसके कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा खाने की आदतें सबसे पहले मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती हैं, जिसका सीधा दुष्प्रभाव भोजन के खराब पाचन और मोटापे की स्थिति के तौर पर सामने आ सकता है।
शरीर को कैसे पता चलता है हम देर से खा रहे हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, हमारा शरीर एक प्रकार के मैक्निजम पर काम करता है जो कि सर्कैडियन सिस्टम या आंतरिक जैविक घड़ी पर निर्भर करता है। सर्कैडियन सिस्टम ही कारण है कि आपका सबसे अच्छा खेल प्रदर्शन दोपहर में होता है और रात में ही आपको बेहतर नींद आती है। लाइफस्टाइल में गड़बड़ी के कारण यह रिद्म बिगड़ जाता है। इसकी शुरुआत देर से उठने के साथ होती है, देर से उठने से हमारे शरीर की आंतरिक घड़ी का समय उसी प्रकार से आगे बढ़ जाता है और सारी गतिविधियां समय से देर होने लगती हैं।
फिर खाने का सही समय क्या है?
आहार विशेषज्ञ डा. कैरोलिन विलियम्स कहती हैं, भोजन के समय को ठीक करने के लिए जरूरी है कि हम सुबह जल्दी उठने की आदत बनाएं, जिससे हमारे भीतर की घड़ी का समय ठीक हो सके। रात का भोजन उस समय पर हो जब उसके बाद हम अगले 12-16 घंटे उपवास की स्थिति में हों। इसका मतलब है कि अगर आप अपना रात का खाना रात 8 बजे खाते हैं, तो आप अगला मील यानी सुबह का नाश्ता 8-9 के बीच ले सकते हैं।