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तस्करी रोकने के लिए जिलों में Anti-Human Trafficking Cell की नागरिकों के साथ साझेदारी जरूरी: Lt Governer

श्रीनगर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को समाज कल्याण विभाग और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग से राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा मानव तस्करी विरोधी जागरूकता पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया। इस अवसर पर उपराज्यपाल ने अपने संबोधन में व्यापक तरीके से मानव तस्करी की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बहुमूल्य सुझाव.

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श्रीनगर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को समाज कल्याण विभाग और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग से राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा मानव तस्करी विरोधी जागरूकता पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया। इस अवसर पर उपराज्यपाल ने अपने संबोधन में व्यापक तरीके से मानव तस्करी की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बहुमूल्य सुझाव साझा किए। उपराज्यपाल ने कहा कि व्यक्तियों की तस्करी संगठित अपराध का सबसे जघन्य रूप है जिसके लिए सभी स्तरों पर सभी हितधारकों द्वारा समग्र और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजैंसियों, नागरिक समाज समूहों, युवाओं और समाज के हर वर्ग को इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एकजुट होना चाहिए, लोगों को शोषण से बचाना चाहिए, इस हिंसक अपराध का प्रभावी ढंग से मुकाबला करना चाहिए और आपराधिक नैटवर्क को खत्म करना चाहिए। उपराज्यपाल ने कहा कि मानव- तस्करी रोधी प्रकोष्ठों को युवा क्लबों और नागरिक समाज समूहों के साथ साझेदारी करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जिलों में एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को ट्रैफिकिंग को रोकने और ट्रैफिकर्स को दंडित करने के लिए कानून प्रवर्तन एजैंसियों की सहायता के लिए नागरिक समाज और युवाओं के साथ एक व्यापक दृष्टिकोण और साझेदारी की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हमारा छोटा सा प्रयास कई निर्दोष लोगों को शोषण से बचा सकता है। उपराज्यपाल ने कहा कि इस अपराध को मिटाने के लिए हमारी समन्वित प्रतिक्रि या को बच्चों, महिलाओं, मजदूरों, विस्थापितों जैसे कमजोर समूहों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उनकी पहचान की जाए और उन्हें पर्याप्त रूप से संरक्षित किया जाए। उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और इस जघन्य अपराध के पीछे आपराधिक नैटवर्क या व्यक्तियों को दंडित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर उपराज्यपाल ने आंगनबाड़ी की संगिनी और सहायिका के पदों पर भर्ती की घोषणा की। जल्द ही पारदर्शी तरीके से 4000 से ज्यादा नियुक्तियां की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि जिला आयुक्तों को एक महीने के भीतर भर्ती प्रक्रि या पूरी करने का निर्देश दिया गया है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एन. कोटेश्वर सिंह ने कहा कि मानव तस्करी मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि हमें रोकथाम के हिस्से पर ध्यान देना चाहिए और न्यायपालिका की एक भूमिका होती है जहां अपराधियों को पकडा जाता है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने समाज में जागरूकता पर जोर दिया। इस दौरान डा. अरु ण कुमार मेहता, मुख्य सचिव ने मानव तस्करी को खत्म करने के लिए यूटी प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराया। इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य, नागरिक प्रशासन, पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजैंसियों के वरिष्ठ अधिकारी और नागरिक समाज के सदस्य उपस्थित थे।

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