क्षेत्रीय विकास के लिए बदलाव के रुख वाले मजबूत ADB की जरूरत : Nirmala Sitharaman

इंचियोनः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक मजबूत एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की जरूरत पर जोर दिया है। सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमें ऐसे एडीबी की जरूरत है जो सतत और जुझारू क्षेत्रीय विकास के लिए वृद्धिशील नहीं, बल्कि बदलाव वाला रुख अपनाए। सीतारमण ने कहा कि आज दुनिया ईंधन, भोजन, उर्वरक, ऋण,.

इंचियोनः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक मजबूत एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की जरूरत पर जोर दिया है। सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमें ऐसे एडीबी की जरूरत है जो सतत और जुझारू क्षेत्रीय विकास के लिए वृद्धिशील नहीं, बल्कि बदलाव वाला रुख अपनाए। सीतारमण ने कहा कि आज दुनिया ईंधन, भोजन, उर्वरक, ऋण, ऊर्जा, आपूर्ति श्रृंखला, वित्तीय स्थिरता आदि के ‘पुनस्र्थापना’ के दौर से गुजर रही है। ऐसे में हमें एक मजबूत एडीबी की आवश्यकता है जो वृद्धिशील के बजाय बदलाव वाला रुख अपनाए। सीतारमण यहां एडीबी की 56वीं वार्षकि बैठक में भाग लेने आई हैं। भारत 1966 में गठित इस बहुपक्षीय वित्तीय एजेंसी का न केवल संस्थापक सदस्य है बल्कि चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक भी है।

एशियाई विकास बैंक के गवर्नर बोर्ड की बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सालाना बैठक का विषय ‘रिबाउडिंग एशिया: रिकवर, रिकनेक्ट एंड रिफॉर्म’ है जो भारत की जी20 की अध्यक्षता की भावना और विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद की दुनिया में विकासशील देशों के सदस्यों (डीएमसी) को एडीबी से अधिक संसाधनों और परिचालन दक्षता की उम्मीद है।

सीतारमण ने कहा कि ऐसे में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों से नए सिरे से जुड़ाव जरूरी है। उन्होंने कहा कि एडीबी को गरीबी कम करने और कम आय वाले देशों (एलआईसी) के विकास के अपने मुख्य एजेंडा पर ध्यान केंद्रित करते हुए वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं (जीपीजी) पर भी गौर करना चाहिए। भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद यह मजबूत है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत जलवायु वित्त सहित अन्य मुद्दों पर एडीबी को समर्थन देता रहेगा।

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