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भारतीय मुक्केबाजों की निगाहें ऐतिहासिक स्वर्ण पर

ताशकंद: अपने गैर-मामूली अभियान से प्रेरणा लेते हुए जब दीपक कुमार, मोहम्मद हुसामुद्दीन और निशांत देव विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में मुकाबला करने के लिये शुक्रवार को रिंग में उतरेंगे, तो उनकी निगाहें सीधे स्वर्ण पदक पर होंगी। भारत भले ही 2019 में अमित पंघाल के रजत सहित अब तक विश्व चैंपियनशिप में सात.

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ताशकंद: अपने गैर-मामूली अभियान से प्रेरणा लेते हुए जब दीपक कुमार, मोहम्मद हुसामुद्दीन और निशांत देव विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में मुकाबला करने के लिये शुक्रवार को रिंग में उतरेंगे, तो उनकी निगाहें सीधे स्वर्ण पदक पर होंगी। भारत भले ही 2019 में अमित पंघाल के रजत सहित अब तक विश्व चैंपियनशिप में सात पदक जीत चुका है, लेकिन अभी तक उसकी स्वर्ण जीतने की इच्छा पूरी नहीं हुई। इस बार तीन भारतीय मुक्केबाजों ने पहली बार एक साथ सेमीफाइनल में जगह बनायी है। तीन पदक सुनिश्चित होने के साथ भारत पदक तालिका में मेज़बान उज़्बेकिस्तान (नौ), क्यूबा और रूस (छह) तथा कज़ाकस्तान (पांच) के बाद तीसरे स्थान पर है।

साल 2019 के एशियाई रजत पदक विजेता दीपक कुमार (51 किग्रा) सेमीफाइनल बाउट में दो बार के विश्व कांस्य पदक विजेता फ्रांस के बिलाल बेनामा से भिड़ते हुए स्वर्ण की होड़ में भारत की अगुवाई करेंगे। हरियाणा के हिसार से आने वाले 26 वर्षीय मुक्केबाज ने अपनी दूसरी विश्व चैंपियनशिप में अब तक शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वसम्मत फैसलों से तीन जीत दर्ज की हैं। उन्होंने शीर्ष-32 राउंड में कजाखस्तान के टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट साकेन बिबोसिनोव को भी पछाड़ा था।

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