जोहानिसबर्ग: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सीमा पारीय साझा जल संसाधनों के बारे में सूचनाओं का आदान प्रदान करने में पारर्दिशता बरतने की पुरजोर वकालत की। साथ ही उन्होंने कहा कि पानी को हथियार बनाने तथा इसके राजनीतिकरण का विरोध करने की जरूरत है। यहां मंगलवार को ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक को संबोधित करते हुए डोभाल ने पानी को हथियार बनाने के कुछ उदाहरण का उल्लेख किया। इस दौरान उन्होंने सीमा पारीय साझा जल संसाधनों के संबंध में पूर्ण पारर्दिशता के साथ ही सूचनाओं के निर्बाध आदान प्रदान की अपील की।
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के सदस्य देश हैं। कई नीति निर्माताओं ने मेकांग, यांग्त्जी, और इरावदी जैसी प्रमुख नदियों पर चीन द्वारा बनाए गए कई बांधों पर चिंता व्यक्त की हैं, जबकि ये नदियां दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की आíथक जीवन रेखा हैं। डोभाल ने कहा कि जल सुरक्षा एक प्रमुख वैश्विक मुद्दा है और इसका विवेकपूर्ण उपयोग और संरक्षण एक साझा जिम्मेदारी है।चीन ने 2017 में भारत में बहने वाली नदियों के संबंध में जल संबंधी आंकड़े साझा करना बंद कर दिया और एक साल बाद प्रक्रिया फिर से शुरू की।