जम्मू: उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज कृषि उत्पादन विभाग के प्रदर्शन और कृषि, संबद्ध क्षेत्र और समग्र कृषि विकास कार्यक्रम (एचएडीपी) की प्रमुख योजना में हुई प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सिविल सचिवालय में हुई बैठक में मुख्य सचिव डा.अरु ण कुमार मेहता ने भाग लिया। शैलेन्द्र कुमार, प्रशासनिक सचिव, कृषि उत्पादन विभाग (अतिरिक्त प्रभार), संतोष.डी.वैद्य, प्रमुख सचिव, वित्त विभाग, उप-राज्यपाल के प्रधान सचिव डा. मंदीप कुमार भडारी, बलदेव प्रकाश, एम.डी और सी.ई.ओ जेएंडके बैंक, डा. नज़ीर.ए. गनेई, उप-कुलपति स्कासट कश्मीर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे।
बैठक में उप-राज्यपाल ने अधिकारियों को हैंडहोल्डिंग और क्लस्टराइजेशन के लिए प्राथमिकता के आधार पर 2000 किसान खिदमत केंद्र स्थापित करने और सभी किसानों को संस्थागत ऋ ण से जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को समय पर और परेशानी मुक्त ऋ ण उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। समग्र कृषि विकास कार्यक्र म की संकल्पना में स्कासट-जम्मू और स्कासट-कश्मीर की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उप-राज्यपाल ने कहा कि 29 परियोजनाओं के कार्यान्वयन में दो विश्वविद्यालयों का निरंतर समर्थन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने उभरते उद्यमियों को कृषि-व्यवसाय में संभावनाओं और अवसरों के बारे में सूचित करने के लिए दक्ष किसान मॉड्यूल को कॉलेजों तक विस्तारित करने का निर्देश दिया। उच्च घनत्व वृक्षारोपण योजना को अब 13 फसलों तक बढ़ा दिया गया है। उप-राज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को नए पाठ्यक्र म तैयार करने और प्रौद्योगिकी विस्तार, बेहतर बुनियादी ढांचे और बेहतर विपणन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जानी चाहिए। उप-राज्यपाल ने चल रहे किसान संपर्क अभियान के लिए यू.टी. भर के किसानों से जबरदस्त प्रतिक्रि या प्राप्त करने वाले अधिकारियों और सभी हितधारकों को बधाई दी।
उप-राज्यपाल ने किसान संपर्क अभियान के प्रभाव का आंकलन करने और इस अभियान को अगस्त से आगे बढ़ाने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया ताकि अधिकतम किसानों को कवर किया जा सके और एचएडीपी के तहत योजनाओं का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि एचएडीपी के 29 हस्तक्षेप कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में गुणवत्ता, उत्पादकता और दक्षता पर केंद्रित है। उपराज्यपाल ने कहा कि हमारे निरंतर प्रयास निर्वाह कृषि को टिकाऊ वाणिज्यिक कृषिअर्थव्यवस्था की ओर ले जा सकते हैं और कृषक समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों को कम कर सकते हैं।
एचएडीपी के परियोजना कार्यान्वयन की निगरानी के लिए प्रभावी आईटी सहायता प्रदान करना हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए। उपराज्यपाल ने ज्ञान की कमी को पूरा करने पहुंच में सुधार करने और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अंतर-क्षेत्रीय दृष्टिकोण को मजबूत करने के लिए समर्पित आईटी टीमों के लिए अधिकारियों पर दबाव डाला। उप-राज्यपाल ने कॉमन सर्विस सेंटरों को युवाओं के लिए सीखने की सुविधाओं के रूप में उपयोग करने के निर्देश जारी किए और आवश्यक तकनीकी सहायता के साथ एक समर्पित और विशेष आई.टी. टीम का गठन करके एचएडीपी के हर चरण की निगरानी करने का निर्देश दिया।
उच्चतम स्तर पर ऋ ण वितरण की निगरानी के लिए बैंकों को निर्देश भी दिए गए। उन्होंने यू-ट्यूब चैनलों की पहुंच बढ़ाने और ऐप डाउनलोड स्टोर पर मोबाइल एप्लीकेशन को प्रचारित करने और किसानों के हाइिब्रड कौशल के लिए दक्ष किसान को सुव्यवस्थित करने का भी आह्वान किया। उप-राज्यपाल ने कृषि उत्पादन विभाग की विभिन्न योजनाओं, पहलों, उपलब्धियों और एचएडीपी के तहत किसानों के लिए प्रशिक्षण, अभिविन्यास और आनबोर्डिंग और कौशल कार्यक्र मों की प्रगति का भी मूल्यांकन किया।