जिला कुल्लू में देवी देवताओं की जमीन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में रखा जाएगा और देवी देवताओं की जमीन वापस उनके नाम की जाएगी। अब जल्द ही देव संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा इस मामले को उठाया जाएगा। ढालपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए देव भूमि देव संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि इससे पहले ट्रस्ट के द्वारा यह मामला प्रदेश हाई को कोर्ट में लाया गया था। लेकिन हाई कोर्ट ने इसमें अपना यह फैसला दिया है कि जो पक्ष इसमें प्रभावित हुआ है। वह हाई कोर्ट में आकर अपना पक्ष रखे। लेकिन जिला कुल्लू के कारदार संघ ने इस बारे कोई भी प्रयास नहीं किया। अब एक बार फिर से सभी देवी देवताओं के कारदारों से बात की जाएगी और अगर पर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ने के पक्ष में होंगे। तो यह लड़ाई साथ मिलकर लड़ी जाएगी। वरना ट्रस्ट के द्वारा खुद ही गांव-गांव में जाकर लोगों का सहयोग लिया जाएगा और सुप्रीम कोर्ट में यह मामला रखा जाएगा। अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि जिला कुल्लू में देवी देवताओं की 84 हजार बीघा भूमि मुजार एक्ट के तहत मुजारों में चली गई थी। अब जमीन न होने के कारण देवी देवताओं के अपने कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। तो वहीं मुजारो में बांटी गई यह भूमि भी अब आगे बेची जा रही है जो की कानूनन गलत है। उन्होंने बताया कि क्योंकि कानून में देवी देवताओं को नाबालिग माना गया है और कारदार देवी देवताओं के संरक्षक हैं। ऐसे में वह सिर्फ जमीन का संरक्षण कर सकते हैं और वह जमीन के मालिक नहीं हो सकते हैं। अब एक बार फिर से जिला कुल्लू में सभी कारदारों के साथ मिलकर इस बारे चर्चा की जाएगी और सुप्रीम कोर्ट में पूरे तथ्यों के साथ इस मामले को रखा जाएगा।