मीनाक्षी (रामपुर बुशहर): शिमला जिला के दूर दराज कूट पंचायत का सुरु गांव धंसने के कगार पर है। अब तक 8 मकानों में भारी दरारें आने के कारण खाली करवा दिया गया है! जबकि गांव के आस पास जमीन में मोटी मोटी दरार आने के कारण खतरा बना हुआ है। गांव के पैदल चलने योग्य मार्ग भी ध्वस्त हो गए हैं। लोगों का आरोप है कि 24 मेगावाट की कूट जलविद्युत परियोजना के पेन स्टॉक टनल में लीकेज के कारण यह स्थिति बनी है। उनका कहना है कि अक्टूबर 2018 में भी टनल लीकेज के कारण गांव को खतरा बना था । उस दौरान भी कई स्थानों से भूमि धंस गई थी मकानो में दरारे आई थी।क्योंकि पानी गांव के ऊपर सुरंग से भारी मात्रा में रिस रहा था। सरकारी निर्देशों के बाद परियोजना संचालक कंपनी ने अस्थाई तौर से पानी निकासी की व्यवस्था की थी । लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला था । 15/20 कूट क्याओ जोन प्रभारी विजय माटेट ने रामपुर के विधायक नंदलाल से मांग की है कि तुरंत प्रशासनिक एवं तकनीकी जानकारी वाले विभागों को मौके पर भेज कर समाधान निकालने का प्रयास किया जाए । कंपनी को भी निर्देश दें कि लीकेज वाले स्थान को ठीक करते हुए गांव के आसपास काफी मात्रा में जो पानी बाहर निकलना शुरू हो गया है, उसकी निकासी के लिए स्थाई व्यवस्था करें। सुरु के लोगों का कहना है कि कंपनी की मनमानी के आगे ना तो सरकारी तंत्र ना ही जनप्रतिनिधि कुछ कर पा रहे हैं । परियोजना का निर्माण देश प्रदेश के विकास एवं खुशहाली के लिए किया जाता है। लेकिन 24 मेगावाट की बिजली उत्पादन करने वाली कूट परियोजना सुरु गांव के लिए गले की फांस बन चुकी है । इस तरह ग्रामीण दूर दराज लोगों को उजाड़ कर जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण कतई मान्य नहीं होना चाहिए। क्योंकि परियोजना निर्माण के दौरान मापदंडों के अनुसार टनलों का निर्माण नहीं हुआ है और ना ही पेन स्टॉक का निर्माण किया गया। पेन स्टॉक गांव के लिए वैसे ही खतरा बना हुआ है ।उसकी लाइनमेंट को भी कंपनी ने अपनी सुविधा के लिए बदल दिया था । ऐसे में उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने कंपनी को इस तरह की गतिविधियों को जारी रखने में सहायता की है। जिससे आज कई सदियों से बेस एक गांव को उजड़ने के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।
वहीं कूट पंचायत के प्रधान रतन डोगरा ने बताया कि वस्तु स्थिति की जानकारी प्रशासन को दी गई है और निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द कोई विकल्प निकालकर गांव को धंसने से बचाया जाए। उन्होंने बताया कि यहाँ पर जिन घरों को खतरा बना हुआ है उन घरों को खाली करवा दिया गया है और प्रभावित परिवारों को स्कूल में ठहरा दिया गया है! इसके साथ प्रशासन द्वारा राशन व अन्य जरूर के सामान की व्यवस्था करने को कहा गया है! वहीं उन्होंने बताया कि जल शक्ति विभाग से भी उन्होंने आग्रह किया है कि वह पानी को पाइपों के माध्यम से निकासी करने का प्रयास करें! लेकिन उनके द्वारा अभी तक कोई उचित कदम नही उठाया गया है! उन्होंने बताया कि क्षेत्र में जो नुकसान हुआ है उस पर कंपनी आंख बंद किए हुए बैठे है!
वहीं एसडीएम रामपुर निशांत तौमर ने बताया कि शनिवार को प्रोजेक्ट के प्रतिनिधियों व कुट पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी! क्षेत्र में किस तरह की स्थिति बनी हुई है और क्या नुकसान हो रहा है इस पर चर्चा कर हल निकालने का प्रयास किया जाएगा!